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एंबुलेंस की करते रहे फरियाद, निजी वाहनों से पहुंचे अस्पताल

सुलतानपुर एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल से होने वाली समस्याओं का सिलसिला मंगलवार को भी बना रहा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 11:23 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 11:23 PM (IST)
एंबुलेंस की करते रहे फरियाद, निजी वाहनों से पहुंचे अस्पताल
एंबुलेंस की करते रहे फरियाद, निजी वाहनों से पहुंचे अस्पताल

सुलतानपुर : एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल से होने वाली समस्याओं का सिलसिला मंगलवार को भी बना रहा। मरीजों की कराह से बेफिक्र एंबुलेंस कर्मी अपनी मांगों को लेकर अडिग रहे। वहीं, अपने मरीज को समय से इलाज दिलाने व जान बचाने के लिए लोगों को निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ा। रेफर होने वाले कई मरीजों को एंबुलेंस न मिलने से स्थानीय अस्पताल व स्वास्थ्य केंद्र पर ही इलाज करने के लिए विवश रहे।

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जीवनदायिनी संगठन बैनर तले एंबुलेंस कर्मी विभिन्न मांगों को लेकर 23 जुलाई से धरना दे रहे हैं। सरकार का ध्यानाकर्षण कराने के लिए 26 जुलाई से कार्य बहिष्कार शुरू किया है। जिले में मौजूद 76 एंबुलेंस में से मात्र दस गाड़ियों को ही मरीजों की सेवा में उपलब्ध हैं। वहीं, वायरल बीमारियों का मौसम होने के चलते जिला अस्पताल से लेकर सीएचसी तक की ओपीडी फुल चल रही है। इमरजेंसी में भी मरीज काफी संख्या में आ रहे हैं। ऐसे में दी जाने वाली एंबुलेंस सेवा ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है। वहीं, गर्भवती महिलाओं को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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निजी वाहन से तो कोई गोद में लेकर पहुंचा अस्पताल :

गंभीर रूप से बीमार चांदा निवासी 60 वर्षीय हीरावती का इलाज चल रहा है। चिकित्सकों ने नाक में पाइप लगा रखी थी। मंगलवार की दोपहर उनकी तबीयत फिर खराब हो गई। परिवारजन अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस को फोन किया, मगर कोई मदद नहीं हो सकी। निजी वाहन से उनको अस्पताल पहुंचाया गया। बुखार से पीड़ित अलीगंज के समद को निजी वाहन ने अस्पताल के गेट पर ही उतार दिया, फिर कंधे पर लेकर उनके पिता इमरजेंसी पहुंचे। जिला अस्पताल की इमरजेंसी में कई ऐसे मरीज देखने को मिले, जिन्हें एंबुलेंस सेवा नहीं मिली और किसी न किसी साधन से वे पहुंचे।

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प्राइवेट एंबुलेंस चालकों की रही चांदी :

हड़ताल के चलते प्राइवेट एंबुलेंस चालकों की चांदी रही। मरीजों की जरूरत को देखते हुए किराया भी बढ़ा दिया गया है। मेडिकल कालेज लखनऊ जाने के लिए दस-दस हजार रुपये तक की वसूली की जा रही है। वहीं, मनाही के बाद भी इमरजेंसी से लेकर जिला महिला अस्पताल के गेट तक प्राइवेट एंबुलेंस की गाड़ियां लगी रहती हैं।

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हड़ताल कर रहे एंबुलेंस चालकों से वार्ता की जा रही है, जल्द ही कोई निष्कर्ष निकाल लिया जाएगा। मरीजों को एंबुलेंस की सुविधा दिए जाने का प्रयास किया जा रहा है।

- सुमित प्रताप सिंह, प्रोग्राम मैनेजेर 108 एंबुलेंस सेवा


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