विवाहिता की आत्महत्या के लिए पति, जेठ-जेठानी दोषी करार
अमेठी के संग्रामपुर में 19 साल पहले हुई थी घटना 18 को सुनाई जाएगी सजा
सुलतानपुर : विवाहिता को प्रताड़ित कर आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोपित पति, जेठ-जेठानी को फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज कल्पराज सिंह ने घटना का दोषी ठहराया है। वारदात अमेठी जिले के संग्रामपुर में 19 साल पहले हुई थी। दोषियों को 18 अक्टूबर को सजा सुनाई जाएगी।
सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी दानबहादुर वर्मा ने बताया कि अमेठी जिले के पूरे भरेथा निवासी रामबहादुर पांडेय की बहन गुड्डा देवी का विवाह इसी क्षेत्र के पूरे दयाल मिश्र का पुरवा निवासी राजीव कुमार तिवारी के साथ हुई थी। आरोप है कि राजीव कोई काम नहीं करता था। गांव में घूमता-फिरता था। इसका उसकी बहन विरोध करती थी। इसी से चिढ़कर विवाहिता को मारता-पीटता था, जिसमें उनके भाई बबलू व उसकी पत्नी सुशीला सहयोग किया करती थी। प्रताड़ना व मारपीट से तंग आकर गुड्डा ने 29 नवंबर 2002 को आत्महत्या कर ली। पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल व आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। अभियोजन की ओर से पांच गवाह अदालत में परीक्षित कराए गए। बचाव पक्ष ने भी दो गवाह सफाई के लिए पेश किए। तीनों आरोपितों को जेल भेज दिया गया है। मामले में 18 अक्टूबर को सजा सुनाई जाएगी।
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मानववध के दोषियों को पांच साल कैद, एक लाख जुर्माना
अमेठी जिले के पीपरपुर थानाक्षेत्र में सांगापुर गांव में छह मई 2012 को रात साढ़े आठ बजे भोलानाथ व श्रवण कुमार रामगंज बाजार से अपने गांव जा रहे थे। रास्ते में गांव के ही रामसेवक, वेचनलाल, शोभनाथ व अनिल कुमार से बिना रंजिशन विवाद हो गया। लोगों ने मिलकर लात-घूंसा से मारा। इलाज के दौरान मौत हो गई। मामले में दोषी ठहराए गए थे। सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी वैभव पांडेय ने बताया कि चारों आरोपितों को बुधवार को अदालत में पेश किया गया तो अपर सत्र न्यायाधीश पीके जयंत ने सबको पांच-पांच साल कैद व 25-25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। 90 हजार रुपया मृतक के आश्रित को देने का आदेश देते हुए जज ने यह भी लिखा है कि जुर्माना न अदा करने पर एक साल की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।