बुखार के मरीजों से फुल हुए अस्पताल, कम पड़ रहे बेड
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सुलतानपुर : जिले में बुखार पीड़ितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। जिला अस्पताल की ओपीडी में रोजाना औसतन चार हजार लोग परामर्श के लिए पहुंच रहे हैं। बुखार के मरीजों की तादाद बढ़ने से सभी वार्ड फुल हो गए हैं। इनमें से करीब बीस फीसद मरीज मच्छरजनित बीमारियों से ग्रसित हैं।
दस मरीजों की जांच में हो चुकी है डेंगू की पुष्टि : जिला अस्पताल की पैथोलॉजी में रोजाना डेंगू व मलेरिया के दर्जनों संदिग्ध मरीज खून की जांच कराने को भेजे जा रहे हैं। अब तक दस लोगों की जांच में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से अधिकांश मरीजों का प्लेटलेट्स काउंट बेहद कम था। जिसकी वजह से चिकित्सकों ने उनको हायर मेडिकल सेंटर के लिए रेफर कर दिया। हांलाकि मौजूदा समय में डेंगू के लिए आरक्षित किए गए आपदा प्रबंधन वार्ड में भर्ती शुशीला ¨सह ही सिर्फ डेंगू पॉजिटिव हैं। अन्य बुखार पीड़ितों की जांच रिपोर्ट अभी नहीं आई है। वहीं अन्य वार्डों में मलेरिया, टायफाइड व वायरल फीवर के मरीज भरे हैं।
निजी अस्पतालों में भी बुखार के मरीजों की भीड़
जिला अस्पताल के आलावा शहर के प्रमुख निजी अस्पतालों में भी बुखार के मरीजों की भारी भीड़ है। जिनका आंकड़ा स्वास्थ्य महकमे के पास नहीं है। अस्पताल संचालकों के मुताबिक डेंगू के गंभीर मरीजों को लखनऊ रेफर कर दिया जाता है। वहीं नगर के अग्रणी फिजीशियन की क्लीनिक पर परामर्श को आने वालों में भी बुखार पीड़ितों की संख्या सर्वाधिक है।
मलेरिया की चपेट में आया यूपी-100 वैन का चालक, रेफर
भदैंया : अभियाकला निवासी चंद्रकांत पांडेय यूपी-100 पीआरवी के चालक हैं। उनकी तैनाती लम्भुआ थाने में है। आठ दिन पहले उन्हें बुखार हुआ था। जिला अस्पताल में जब जांच कराई तो मलेरिया की पुष्टि हुई। जिला अस्पताल के इलाज से आराम नहीं हुआ तो परिवारीजनों ने शुक्रवार को उन्हें शहर के लक्ष्मणपुर स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। शनिवार सुबह चंद्रकांत की हालत बिगड़ गई तो लखनऊ रेफर कर दिया गया। भदैंया ब्लाक क्षेत्र में अब तक मच्छरजनित रोगों की चपेट में आने से दो लोगों की जान जा चुकी है।