Move to Jagran APP

..यहां तो कागज पर फुल, हकीकत में बिजली रहती गुल

औसतन दो से छह घंटे मिल रही बिजली जिम्मेदार उदासीन

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 11:30 PM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 11:30 PM (IST)
..यहां तो कागज पर फुल, हकीकत में बिजली रहती गुल
..यहां तो कागज पर फुल, हकीकत में बिजली रहती गुल

सुलतानपुर: रोस्टर के मुताबिक बिजली आपूर्ति का दावा कर पावर कारपोरेशन खुद ही अपनी पीठ थपथपाने में लगा है। कागज पर फुल बिजली होने की रिपोर्ट तैयार कर शासन से बेहतर सेवा देने का दावा किया जा रहा है। हकीकत यह कि शहर से लेकर ग्रामीणांचल तक बिजली व्यवस्था चरमरा गई है। कई फीडर बंद होने से स्थितियां असहनीय हो गईं। सोमवार की रात से मंगलवार की सुबह तक कटौती जारी रही।

loksabha election banner

अप्रैल में कोयले की दिक्कत से जमकर बिजली कटौती की गई। मई के प्रथम सप्ताह में शहरी क्षेत्र में 22 से 24 व ग्रामीणांचल में 18 से 20 घंटे आपूर्ति होने का दावा किया गया। अब स्थिति फिर बदतर हो गई।

शहर समेत 100 गांवों में अंधेरा, जिला अस्पताल की सेवाएं प्रभावित

केएनआइ फीडर से सिविल लाइंस, विनोबापुरी, हथियानाला, पांचोपीरन कस्बा समेत करीब आधा शहर को बिजली आपूर्ति की जाती है। इन इलाकों में रात भर बिजली नहीं रही। असरोगा में हाईटेंशन लाइन का तार टूटने से 100 से अधिक गांवों की बिजली गुल हो गई। कादीपुर क्षेत्र में भी रात भर अंधेरा छाया रहा। आधी रात से सुबह तक बिजली न रहने से जिला अस्पताल की इमरजेंसी सेवा प्रभावित रही। वार्ड में भर्ती मरीजों को भी दिक्कत उठानी पड़ी।

कहीं दो तो कहीं छह घंटे रही बिजली

बल्दीराय, हलियापुर , इसौली, धम्मौर में छह घंटे ही बिजली मिल पा रही है। मोतिगरपुर के ढेमा, कूरेभार के गलिबहा व अखंडनगर सब स्टेशन से दो से तीन घंटे बिजली मिल पा रही है। बिरसिंहपुर, देवरार, भटमई, उघड़पुर में सुबह आठ-शाम बिजली आने-जाने का कोई समय नहीं है। ट्रांसफार्मर गिरने से चौबेपुर गांव में बिजली नहीं आ रही है। भदैंया, कुड़वार, इमिलिया में भी आपूर्ति रोस्टर के अनुसार नहीं हो रही है। करौंदीकला में जर्जर तारों के गिरने व दोस्तपुर में ट्रांसफार्मर खराब होने से बिजली नहीं मिल रही है।

जवाबदेही से बचते जिम्मेदार

शटडाउन लेने के नियम का पालन नहीं किया जाता है। ट्रिपिग ठीक करने के लिए लाइनमैन द्वारा सुविधा शुल्क मांगा जाता है। शाम होते ही सब स्टेशन आपरेटर, अवर अभियंता, उप खंड अधिकारियों के फोन बंद हो जाते हैं। बावजूद इसके अधीक्षण अभियंता धीरज सिन्हा द्वारा बेहतर बिजली व्यवस्था का दावा किया जाता है। उन्होंने बताया कि बिजली की मांग बढ़ने से समस्या ज्यादा हो रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.