पात्रता प्रमाणित करने को घंटों फर्श पर बैठे रहे दिव्यांग
मोटराइज्ड ट्राई साइकिल पाने को साक्षात्कार खुद नहीं आए जिम्मेदार
सुलतानपुर: शारीरिक अक्षमता के बावजूद दिव्यांगजन के प्रति भी नौकरशाही संवेदनहीन बनी रही। सैकड़ों की संख्या में ऐसे लोग विकास भवन के बरामदे में घंटों फर्श पर बैठे रहे। कारण मोटराइज्ड ट्राई साइकिल पाने को इन दिव्यांगजन को पात्रता प्रमाणित करने के लिए साक्षात्कार देना था।
मंगलवार को दिव्यांगजन कल्याण अधिकारी कक्ष में साक्षात्कार और पात्रों का परीक्षण किया गया। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बनी समिति पात्रों का चयन करती है। 11 बजे निर्धारित साक्षात्कार एक बजे तक नहीं शुरू हो सका।
प्रतिनिधियों ने किया प्रतिनिधित्व
पात्रों के चयन के लिए डीएम ने अपने स्थान पर सीडीओ को नामित किया। व्यस्तता के चलते सीडीओ ने किसी अन्य अधिकारी को साक्षात्कार में भेज दिया। एआरटीओ भी साक्षात्कार में नहीं आए उनके स्थान पर राजस्व निरीक्षक मौजूद थे। सीएमओ ने अपने स्थान पर बेहद देर से किसी मेडिकल आफिसर को भेजा तो साक्षात्कार शुरू हो सका।
जगी थी आस, अब निराश
मोटराइज्ड ट्राई साइकिल पाने की तमन्ना में बड़ी संख्या में दिव्यांगजन यहां आए थे। साक्षात्कार सिर्फ उनका हुआ जो पहले से इसके लिए आनलाइन आवेदन किए थे। सीताकुंड निवासी महिला चंद्रमणि सिंह ने कहा कि केवल मेडिकल सर्टिफिकेट देखा गया। अब बाद में आने को कहा गया है। फतेहपुर संगत से आए त्रिभुवन यादव और बब्बन सिंह ने कहा कि साइकिल मिलेगी या नहीं, पर दौड़ धूप बहुत करनी पड़ रही है। चलने में पूरी तरह असमर्थ पूरे देवराय निवासी अरुण के पिता ने बताया कि किसी तरह उठा कर बेटे को लाए हैं, लेकिन निराश होना पड़ा।
वर्जन:::
80 दिव्यांगजन को मोटराइज्ड ट्राई साइकिल दिया जाना है। 60 लोगों का आनलाइन आवेदन मिला है। इन्हीं का साक्षात्कार लिया गया है। अन्य लोगों को आनलाइन आवेदन करने की सलाह दी गई है।
-रजनीश किरण, जिला दिव्यांग कल्याण अधिकारी