पहले बसेंगे पटरी दुकानदार फिर चलेगा अतिक्रमण के खिलाफ अभियान
फुटपाथ को खाली करने और जारी पथ विक्रेता परिचय पत्र में दिखाए गए स्थान पर जाने के लिए एक सप्ताह तक प्रचार प्रसार किया जाएगा। इसके साथ पटरी दुकानदारों के प्रतिनिधियों के साथ नगर पालिका प्रशासन बैठक कर उन्हें तय वेंडिग जोन में जाने के लिए राजी करेगा।
सुलतानपुर : पटरी दुकानदारों के लिए यह राहत भरी खबर है कि उन्हें फिलहाल फुटपाथ से हटाया नहीं जाएगा। तय किए गए स्थानों पर कारोबार शुरू करने की मोहलत दी जाएगी। इसकी अनसुनी और फिर भी पटरियों पर जमें रहने वालों की दुकानों पर ही नगर पालिका की जेसीबी चलेगी।
फुटपाथ को खाली करने और जारी पथ विक्रेता परिचय पत्र में दिखाए गए स्थान पर जाने के लिए एक सप्ताह तक प्रचार प्रसार किया जाएगा। इसके साथ पटरी दुकानदारों के प्रतिनिधियों के साथ नगर पालिका प्रशासन बैठक कर उन्हें तय वेंडिग जोन में जाने के लिए राजी करेगा।
बीते एक सप्ताह से नगरपालिका की ओर से शहर की सड़कों के फुटपाथ पर किए गए अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान विरोध के स्वर भी उठे हैं। आरोप लगाया जा रहा है कि अनियोजित ढ़ग से अभियान चल रहा है। पटरी दुकानदारों को उचित स्थान मुहैया कराया जान चाहिए।
पालिका ने तलाशे विकल्प : अतिक्रमण अभियान से रोज कमाने और खाने वाले पटरी दुकानदार पीड़ित न हो इसके लिए नगर पालिका विकल्प तलाश रहा है। जिला नगरीय विकास अभिकरण डूडा व पुलिस विभाग से मंत्रा के बाद तय हुआ है जिन तकरीबन ढ़ाई हजार पथ विक्रेताओं को परिचय पत्र दिया गया है उन्हें तय स्थानों पर भेजा जाए। साथ ही ठेला और खोमचा लगाने वाले एक ही स्थान पर स्थिर न रहें। दिन में कुछ बाजारों में पालिका की टीम पहुंच कर ऐसे दुकानदारों का घूम कर कारोबार के निर्देश दें।
यह स्थान हुए हैं चिह्नित : पटरी दुकानदारों को कारोबार के लिए नगर पालिका की ओर से तीन ओवर ब्रिज के नीचे के स्थान सहित राम नरेश त्रिपाठी सभागार मार्ग की दोनों पटरियां तय की गई हैं। इसके अतिरिक्त लोक निर्माण विभाग रोड, पर्यावरण पार्क मार्ग को वेंडिग जोन बनाया गया है। इन स्थानों पर हर पटरी दुकानदार को छह फिट लंबाई और चौड़ाई में जमीन कारोबार के लिए आवंटित की जाएगी।
वर्जन -
कार्ययोजना को अमल में लाने के लिए तैयारी की गई है। इसके लिए शीघ्र उद्घोषणा कराई जाएगी। उम्मीद है पटरी दुकानदार निर्देशों का अनुपालन कर वेंडिग जोन में काम करने को राजी होगे।
श्यामेंद्र मोहन चौधरी, अधिशाषी अधिकारी