सिपाही पति समेत सात पर दहेज प्रताड़ना का मुकदमा दर्ज
अयोध्या जनपद की रहने वाली काजल की शादी एक साल पहले कौडियावा गांव के अनुराग से हुई थी। वह यूपी पुलिस में सिपाही है और इन दिनों अयोध्या में डायल 112 में तैनात है।
सुलतानपुर : कूरेभार थानाक्षेत्र के कौडियावा गांव की एक विवाहिता की तहरीर पर पुलिस ने पति समेत छह लोगों पर दहेज प्रताड़ना का मुकदमा दर्ज किया है।
अयोध्या जनपद की रहने वाली काजल की शादी एक साल पहले कौडियावा गांव के अनुराग से हुई थी। वह यूपी पुलिस में सिपाही है और इन दिनों अयोध्या में डायल 112 में तैनात है। विवाहिता का आरोप है शादी के बाद से उसे दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता है। 20 नवंबर को काजल अपने मायके वालों को साथ लेकर ससुराल पहुंची तो सास, पति की मौसी ने उनके साथ मारपीट शुरू कर दी गई। उसने डायल 1090 पर फोन कर इसकी सूचना पुलिस को दी। पति ने भी फोन कर उसके व उसके भाई के साथ गाली गलौज की। पीड़िता ने इस मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक शिवहरि मीणा से भी की थी। इसके बाद थाना प्रभारी मनबोध तिवारी को मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया गया था।
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दो गांव से किशोरियां गायब, अनहोनी की आशंका
सुलतानपुर : मिशन शक्ति की शुरुआत महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा व उनके मामले को गंभीरता से संज्ञान में लेने के लिए किया है। इसके लिए प्रत्येक थाने में अतिरिक्त पटल बनाकर महिला आरक्षी को जिम्मेदारी दी है, लेकिन नाबालिग किशोरियों के प्रकरण में तीन दिन बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।
कोतवाली देहात थाने के बगल स्थित एक गांव से किशोरी रविवार को सुबह घर से खेत के लिए निकली तो वह आज तक वापस नहीं लौटी। परिवारजन ने उसकी तलाश की और थक हारकर पुलिस को तहरीर दी। मां ने अनहोनी की आशंका जताई है। तीन दिन बाद भी पुलिस ने मामला नहीं दर्ज किया। वहीं थाने से आठ किलोमीटर दूर एक और गांव की नाबालिग किशोरी पांच दिन पहले अचानक खेत से गायब हो गई। इसमें भी पुलिस जहां की तहां है। प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र सिंह ने बताया कि मामले में पुलिस जांच पड़ताल व कार्रवाई की जा रही है।
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दहेज हत्या मामले में 26 को सुनाया जाएगा फैसला
सुलतानपुर : थाना गोसाईगंज के एक गांव में दहेज हत्या के मामले में आरोपित को अदालत ने दोषी माना है। सजा के बिंदु पर 26 नवंबर को फैसला सुनाया जाएगा आरोप था कि हाशिम उर्फ पप्पू ने अपनी पत्नी को परिवारजन के साथ मिलकर दहेज की लालच में मार डाला।
मृतका की मां साजिदा बेगम ने पति, सास मैनुल निशा तथा ससुर कसीम के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कराया था। इसका विचारण न्यायालय एफटीसी द्वितीय की जज पूनम सिंह की अदालत में चल रहा था। मंगलवार को अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्क सुनने के बाद शासकीय अधिवक्ता मनोज द्विवेदी के तर्कों से सहमत होते हुए दोषी मानते हुए फैसला सुरक्षित कर लिया है।