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मिल रहे कोरोना संक्रमित, फिर भी बरती जा लापरवाही

लोगों के चेहरे से मास्क गायब नहीं किया जाता शारीरिक दूरी का अनुपालन

By JagranEdited By: Published: Tue, 10 May 2022 11:24 PM (IST)Updated: Tue, 10 May 2022 11:24 PM (IST)
मिल रहे कोरोना संक्रमित, फिर भी बरती जा लापरवाही
मिल रहे कोरोना संक्रमित, फिर भी बरती जा लापरवाही

सुलतानपुर: कोरोना की चौथी लहर को लेकर सतर्क रहने के निर्देश हैं। नियमों का उल्लंघन खतरनाक साबित हो सकती है। जिले में अभी कोरोना के पांच सक्रिय केस हैं। बीच-बीच में नए केस भी मिल रहे हैं। बावजूद इसके बेपरवाही का यह आलम है कि अधिकांश लोगों के चेहरे से मास्क गायब हो गए है। शारीरिक दूरी का अनुपालन न करने के साथ ही बचाव के अन्य उपायों को भी भुला दिया गया है।

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कोरोना की चौथी लहर को देखते हुए जिला अस्पताल से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के पीकू व नीकू वार्ड को सक्रिय कर हर जरूरी चीजों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।

अलर्ट मोड में विभाग

आक्सीजन प्लांट से लेकर आइसोलेशन वार्ड, एल-टू अस्पताल, कोविड कंट्रोल सेंटर में भी संसाधनों की आपूर्ति कर दी गई है। पश्चिमी यूपी व दिल्ली के आसपास कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पूरे स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट मोड में रखा गया है।

हर जगह दिख रही लापरवाही

कोरोना संक्रमण के दौरान होने वाली जनहानि व मुसीबतों को झेलने व देखने के बाद भी लापरवाही बरती जा रही है। गल्ला मंडी, सब्जी मंडी, चौक, जिला अस्पताल व सार्वजनिक जगहों पर लोग बिना मास्क के घूम रहे हैं। शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए दुकानों पर लगने वाली रस्सी व अस्थाई बैरीकेडिंग गायब है। सैनिटाइजर भी अब नहीं दिखता।

अप्रवासियों के बारे में सूचना देंगी आशाबहुएं

सीएमओ डा. डीके त्रिपाठी ने बताया कि मुंबई, केरल, दिल्ली व पश्चिमी यूपी से आने वालों की जांच के लिए आशाबहू और एएनएम की ड्यूटी लगाई गई है। आशा बहुओं द्वारा बाकायदा इन अप्रवासियों की सूची बनाई जा रही है। रोडवेज, रेलवे स्टेशन पर फोकस सैंपलिंग की जा रही है। जनपद में अभी भी पांच सक्रिय केस हैं। खतरा टला नहीं है, इसलिए संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए मास्क व शारीरिक दूरी का पालन बेहद जरूरी है।

बढ़ी जांच की रफ्तार

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. एएन राय ने बताया कि शासन की तरफ से एंटीजन व ट्रूनेट की अपेक्षा ज्यादा से ज्यादा आरटी-पीसीआर जांच करने के निर्देश हैं। इसलिए प्रतिदिन करीब साढ़े तीन हजार लोगों की जांच की जा रही है। इसमें करीब ढाई हजार जांच आरटी-पीसीआर होती है। करौंदिया स्थित लैब में भी पांच सौ की जगह अब एक हजार सैंपल की रिपोर्ट मिल रही है।


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