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महामारी का खौफ बरकरार, नहीं बढ़ी छात्रों की संख्या

अभिभावक अपने बचों को स्कूल भेजने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे। कुछ विद्यालयों में बढ़ी विद्यार्थियों की संख्या। प्रवेश द्वार पर स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 12:52 AM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 05:11 AM (IST)
महामारी का खौफ बरकरार, नहीं बढ़ी छात्रों की संख्या
महामारी का खौफ बरकरार, नहीं बढ़ी छात्रों की संख्या

सुलतानपुर : कोराना बचाव संबंधी गाइडलाइन के साथ खोले गए माध्यमिक विद्यालयों में कुछ स्कूलों को छोड़ दिया जाए तो छात्रों की संख्या में खास इजाफा नहीं हुआ है। महामारी के डर से अभिभावक भी अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए सहमति पत्र देने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। विद्यालय प्रशासन सप्ताह के आखिर तक छात्रों की संख्या में बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद जता रहा है।

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सोमवार को पहले दिन विद्यालय खोला गया था। शारीरिक दूरी व 50 फीसद छात्रों की संख्या के बीच खुले स्कूलों में जिले भर में कुल 13 फीसद ही बच्चे ही उपस्थित हुए थे। मंगलवार को भी लगभग यही संख्या रही। सहमति पत्र देने वाले अभिभावकों में इजाफा जरूर हुआ है। शहर के केशकुमारी राजकीय बालिका विद्यालय में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट में कुल करीब 15 सौ बच्चे अध्ययनरत हैं। दोनों पालियों में कुल 148 छात्र ही उपस्थित हुए थे। इनमें कई छात्र तो ऐसे थे, जिनके अभिभावक भीड़भाड़ आदि से बचने के उन्हें खुद ही विद्यालय छोड़ने आए थे। शहर के ही राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य अनिल कुमार सिंह ने बताया कि उनके हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के कुल 1423 छात्र नामांकित हैं। पहली पाली में हाईस्कूल के 33 व दूसरी पाली में इंटरमीडिएट के 54 छात्र उपस्थित हुए। मधुसूदन इंटर मीडिएट कॉलेज, एमजीएस, रामकली समेत अन्य इंटर कॉलेजों में भी छात्रों की संख्या 10 से 15 फीसद के बीच ही रही। कादीपुर संसू के अनुसार सेंट जेवियर्स स्कूल के हाईस्कूल में पंजीकृत 205 छात्र-छात्राओं में से 160 बच्चे उपस्थित हुए। सरस्वती विद्या मंदिर झारखंड में बच्चों में खासी दिलचस्पी देखी गई। यहां पंजीकृत 2153 छात्र-छात्राओं में से 1130 उपस्थित हुए।

कराया जा रहा रिवीजन : ऑनलाइन शिक्षा प्रभारी शैलेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि कोरोना के चलते ऑनलाइन पढ़ाए गए कोर्स से छूटे विद्यार्थियों के लिए विषय का रिवीजन कराया जा रहा है। इस रिवीजन का फायदा उन बच्चों को भी मिल रहा है, जिन्होंने ऑनलाइन कक्षा में भाग लिया गया, लेकिन समय के साथ भूल गए थे। ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेगी। साथ ही कोर्स को भी तेजी से पूरा कराया जाएगा, जिससे बच्चे मार्च में होने वाली बोर्ड परीक्षा के लिए पारंगत हो सके।


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