समय रहते चेते किसान, नहीं तो मचती तबाही
साइफन चोक होने से नहर उफन गई थी। सिंचाई विभाग के कर्मियों ने सूचना मिलने पर पानी बंद किया।
सुलतानपुर : नहरों में हुई आधी-अधूरी सिल्ट सफाई का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ा रहा। शारदा सहायक खंड 16 की बड़ी नहर लोकेपुर के पास शुक्रवार को साइफन चोक होने से उफन गई। किसान समय पर देखकर खुद ही नहरों की सफाई में जुट गए। साथ ही फोन कर नहर का पानी बंद कराया, जिससे तबाही को रोका जा सका।
शारदा सहायक खंड- 16 की डबल नहर में जब दो माह बाद पानी आया तो किसानों में खुशी छा गई। लेकिन, नहर दो दिन भी नहीं चली की लोकेपुर के पास बने स्केप पर झाड़ झंखाड़ जमा हो गया और नहर उफनाने लगी तो कर्मचारियों से नहर का पानी बंद करवा दिया। अवर अभियंता देवेंद्र कुमार ने बताया कि नदी से पानी नहीं मिल रहा है। इस वजह से पानी नहर में कम हुआ है। साइफन चोक होना दूसरी समस्या है। मजदूर लगाकर सफाई कराई जा रही है।
सिल्ट सफाई में की गई खानापूर्ति :
नहरों में सिल्ट सफाई के नाम पर खेल किया गया। जेसीबी दौड़ाकर ऊपर की परत तो साफ कर दी गई। लेकिन, मजदूरों द्वारा इसकी सफाई नहीं कराई गई, जिससे पानी छोड़े जाने पर नहर कटान का खतरा बढ़ गया है।
किसानों ने बयां किया दर्द :
राजदेव सिंह निवासी जूड़ापट्टी ने बताया की डेढ़ माह से नहर की सफाई के लिए नहर बंद हुई थी। बावजूद इसके लोकेपुर स्केप के पास लगे झाड़ झंखाड़ की सफाई नहीं हुई और नहर में पानी छोड़ दिया। कर्मचारियों के लापरवाही का खामियाजा हम लोगों को भुगतना पड़ रहा हैं। पानी के अभाव में गेहूं की फसल सूख रही है। चंद्रशेखर सिंह निवासी जियापुर ने बताया की कर्मचारियों के लापरवाही के चलते सिल्ट सफाई होने के बावजूद भी माइनर में पानी नहीं आ रहा है।