आठ करोड़ खर्च फिर भी मिट नहीं रहा गंदगी का दाग
कचरा निस्तारण के इंतजाम न होने से जहां-तहां डंप किया जा रहा कूड़ा
सुलतानपुर: शहर की सफाई व्यवस्था पर हर साल आठ करोड़ रुपये से अधिक खर्च आता है। इसके बावजूद गंदगी का दाग मिट नहीं रहा। कारण घरों से निकलने वाला कूड़ा मुहल्ले में जबकि मुहल्ले का खाली प्लाट, नदी, नालों के किनारों पर डंप कर दिया जाता है।
एनजीटी (राष्ट्रीय हरित अधिकरण) की गाइड लाइन के बाद भी कचरा संयंत्र चालू नहीं हो सका। इसी का नतीजा है कि शहर स्वच्छता कर रैंकिंग में ऊपर नहीं आ पा रहा। साथ ही नागरिक भी गंदगी के बीच रहने को विवश हैं।
यह काम नहीं हुए पूरे
-सार्वजनिक स्थलों पर डस्टबिन लगाने का काम नहीं हो सका पूरा।
-तत्परता से नहीं हो रहा हर घर से कचरा उठान का काम।
-गोमती नदी में बढ़ रहे प्रदूषण को रोकने के लिए नहीं बन सके सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट।
-वार्ड में समान संख्या या जरूरत के अनुसार कर्मचारियों की नहीं हो सकी तैनाती।
आंकड़ों पर एक नजर
8,49,29,229 - रुपये नगर पालिका सफाई पर करती है वार्षिक व्यय
64,20,859 - रुपये से खरीदे गए उपकरण
364 - तैनात सफाईकर्मी
26- कचरा उठान के लिए वाहन
09- ट्रैक्टर, व लोडर
28 - लाख की लागत से टीपी नगर में बना कचरा निस्तारण संयंत्र
05- गोमती में गिरने वाले बड़े नाले, जिन पर दो साल से निर्माणाधीन है एसटीपी
25- नगर पालिका क्षेत्र में वार्डो की संख्या
1,25,000 -शहरी क्षेत्र की कुल जनसंख्या
वर्जन:::
उपलब्ध संसाधनों में शहर को साफ सुथरा रखने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसमें जन सहयोग की भी अपेक्षा है। कूड़ा उठान का काम रात में ही कर लिया जाए, इसकी तैयारी की जा रही है।
-बबिता जायसवाल, अध्यक्ष नगर पालिका