आम लोगों तक पहुंचने लगा प्रवासियों द्वारा पोषित दशहरी
आधादर्जन गावों के बगीचों में आम से लदे हैं पेड़
सुलतानपुर : क्षेत्र में कलमी आम की खेती लोग करते हैं। बागों को साल भर सहेजकर लोग कई किस्म के आम के फल तैयार करते हैं तथा व्यवसाईयों के हाथों बेंचकर आर्थिक रूप से मजबूत होते है। इस बार आम की फसल को सहेजने में बाहर से आए प्रवासियों की भी अहम भूमिका रही है।
लॉकडाउन के दौरान परदेस से घर पहुंचे प्रवासी जब स्कूलों व घरों में क्वारंटाइन हुऐ तो उनके मन मे बाग बगीचों का खयाल आया और वह सब स्कूल से बागों में पहुंच छोटी सी मड़ई बनाकर वहीं क्वारंटाइन हो गये। आम के फलों की रखवाली व सुरक्षा कर उनकी देखरेख की और अब फलों का राजा पकने को तैयार हैं। जल्द ही खुशबू लोगों तक पहुचने वाली है।
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रंग लाई इनकी मेहनत
हनुमानगंज के सूरज सिंह के पास दस बीघे की दशहरी बाग है। जिसमें अब फल टूटने लगे हैं इसकी देखरेख गांव के ही खालिक मोहम्मद ने की है। वह प्रवासी के रूप में आकर खूब मेहनत की है। अभियाखुर्द के रामचंदर पांडेय के पास भी दस बीघे में दशहरी, चौंसा, तोतापरी आदि वैरायटी से पेड़ लदे हें। फल अब पकने लगे हैं। लोग बागों में पहुंचकर आम को ठेलों पर लादकर बाजारों में बिक्री के लिए ले जा रहे हैं। सराय अचल, बेलामोहन, अभियाखुर्द, पखरौली सहित कई गांवों मे आम की फसल अच्छी हुई है।