समय से नहीं बैठते चिकित्सक, इलाज को भटकते मरीज
प्राइवेट अस्पतालों में जाने की मजबूरी महिला चिकित्सकों के कक्ष रहे बंद
सुलतानपुर: तहसील मुख्यालय पर सरकारी स्वास्थ्य सेवा की दशा बेहद खराब है। 30 शैय्या वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ज्यादातर चिकित्सक मिलते नहीं। जांच और दवाओं के लिए भी जरूरतमंदों को भटकना पड़ रहा। मनमानी चरम पर है। मंगलवार को दैनिक जागरण टीम ने पड़ताल की तो हकीकत सामने आ गई। प्रस्तुत है विवेक बरनवाल की रिपोर्ट.. स्थान-लम्भुआ सीएचसी
समय-सुबह 10.00 बजे।
महिला अस्पताल में सिर्फ दो चिकित्सक डा. रंजना गौतम व डा. नम्रता दावनी तैनात हैं। इनके कक्ष बंद मिले। यह हालत करीब एक घंटे तक बनी रही। मरीज इंतजार कर वापस जाने लगे। अधीक्षक डा. राम करन वर्मा अकेले ही अपने कक्ष में इक्का-दुक्का मरीजों को सलाह देते मिले। अस्पताल में तैनात डा. सुदीश राणा की ड्यूटी अक्सर पोस्टमार्टम में लगा दी जाती है। बीती रात उन्होंने इमरजेंसी ड्यूटी की थी।
दंत चिकित्सक डा. तौफीक भी 11 बजे तक अस्पताल नहीं पहुंचे तो बाल रोग विशेषज्ञ डा. अजय सोनी करीब साढ़े 10 बजे आए। सर्जन डा. मेहीलाल पटेल व डा. अजीत पीयूष भी मौजूद नहीं थे। इसके अलावा संविदा पर तैनात ईएनटी सर्जन डा. अमित सिंह व डा. प्रभात सिंह का कक्ष भी बंद मिला।
बंद पड़ा एक्सरे कक्ष:
मरीजों की सुविधा के लिए बनाया गया एक्सरे कक्ष बंद मिला। अस्पताल में कोई भी एक्सरे टेक्नीशियन तैनात नहीं है। इससे मरीजों को निजी सेंटरों से एक्सरे कराना पड़ता है। इस कारण उनकी जेब भी हल्की हो रही।
पानी की टंकी निष्प्रयोज्य:
करीब तीन दशक पहले बनाए गए अस्पताल भवन की पानी की टंकी कई साल से निष्प्रयोज्य पड़ी है। हालांकि, नए भवन में बनी दूसरी टंकी से जलापूर्ति की जा रही है।
जल्द ही मिलेगी सुविधा:
सीएचसी अधीक्षक डा. रामकरन वर्मा ने बताया कि दो चिकित्सक सप्ताह में सिर्फ तीन-तीन दिन ड्यूटी करते हैं। इससे मरीजों को फायदा नहीं मिल पाता। एक्सरे टेक्नीशियन के पद पर तैनाती हुई है। जल्द ही यह सुविधा मरीजों को मिलने लगेगी।