बॉटम - केंद्रित जलापूर्ति के लिए जोनल पंपिग स्टेशन का निर्माण शुरू
पिछले चार वर्षो से बजट के अभाव में शहर की जलापूर्ति बेहद खराब होती गई। पांच नलकूप अर्से से निष्क्रिय हैं। चार ओवरहेड टैंक भी निष्प्रयोज्य पड़े हैं। इन टैंकों का उपयोग बेहतर क्षमता के नलकूपों के न होने से नहीं हो पा रहा है।
सुलतानपुर : बेहतर जलापूर्ति के लिए 14 करोड़ की लागत से चलाई जा रही अमृत पेयजल योजना का काम अंतिम दौर में है। बिछाई गई 36 किमी भूमिगत पाइपलाइन से शहर की तकरीबन आधी आबादी को निर्वाध पानी की आपूर्ति हो सकेगी। इसके लिए विवेकानंदनगर में जोनल पंपिग स्टेशन बनाया जा रहा है। इसकी स्थापना से बिजली की कटौती व अन्य किसी बाधा के आने पर भी जलापूर्ति नहीं रुकेगी।
पिछले चार वर्षो से बजट के अभाव में शहर की जलापूर्ति बेहद खराब होती गई। पांच नलकूप अर्से से निष्क्रिय हैं। चार ओवरहेड टैंक भी निष्प्रयोज्य पड़े हैं। इन टैंकों का उपयोग बेहतर क्षमता के नलकूपों के न होने से नहीं हो पा रहा है। जल निगम को 37.12 करोड़ का बजट शहर की जलापूर्ति को व्यवस्थित करने के लिए स्वीकृत हुआ है। इसमें से 14 करोड़ रुपये की योजना पर कार्य किया जा रहा है। पांच नलकूपों को गहरी बोरिग के साथ स्थापित किया गया है। इन नलकूपों से दीवानी चौराहा स्थित ओवरहेड टैंक, निराला नगर में बने ओवरहेड टैंक और विवेकानंद में बने भारी क्षमता वाले ओवरहेड टैंक में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। अभी प्रति व्यक्ति मात्र 90 लीटर पानी रोजाना मिलता है।
कम होगी हैंडपंपों पर निर्भरता : पूरी व्यवस्था पर काम हो जाने से हैंडपंपों पर निर्भरता कम हो जाएगी। पानी की आपूर्ति के लिए केंद्रीय पंपिग स्टेशन के पास यह विकल्प रहेगा कि वह शहर के किसी हिस्से को जलापूर्ति कर सके। जल निगम के अधिशासी अभियंता आरएस यादव ने कहा कि योजना पर काम अंतिम चरण में है। पर्वो के चलते श्रमिक घर गए है इनकी वापसी होते ही शेष काम शुरू कर दिए पूरे कर लिए जाएंगे। उम्मीद है नए साल के आगमन तक जलापूर्ति व्यवस्थित कर ली जाएगी।