मौसम के बदलते ही बढ़ी संक्रामक रोगियों की संख्या
मौसम बदलते ही संक्रामक बीमारियों की चपेट में आने
सुलतानपुर : मौसम बदलते ही संक्रामक बीमारियों की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या में दोगुना इजाफा हो गया है। जिला अस्पताल समेत सभी सीएचसी व पीएचसी पर बुखार, खांसी, सर्दी, जुकाम, डेंगू, पेटदर्द, रक्तचाप, डायरिया, त्वचा रोग व मलेरिया जैसी बीमारियों के इलाज के लिए लोग ओपीडी सेवाओं का लाभ लेने पहुंच रहे हैं। कोरोना के लक्षणों की भी जांच पड़ताल के लिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना कर दी गई है।
एक माह पूर्व जिला अस्पताल में प्रतिदिन तकरीबन 12 सौ से 15 सौ मरीजों की ओपीडी की जाती थी। वर्तमान में यह संख्या तकरीबन तीन हजार के आसपास हो गई है। अस्पताल के पर्चा काउंटर, पैथोलॉजी और दवा काउंटर पर भी लंबी कतारें लग रही है। यही हाल ग्रामीणांचल के स्वास्थ्य केंद्रों का भी है। आम दिनों में यहां प्रतिदन प्रति सेंटरों पर औसतन सौ के आसपास मरीजों की स्वास्थ्य जांच कर इलाज किया जाता था। मौसम के करवट लेते ही यहां प्रतिदिन दो सौ से तीन सौ रोगी इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्साधीक्षक डॉ. सुरेश चंद्र कौशल ने बताया कि दिन में गर्मी होती है और सुबह-शाम मौसम ठंडा हो जाता है। मौसम के इस परिवर्तन से वायरल इंफेक्शन की संभावना बढ़ जाती है। मरीजों को स्वस्थ रहने के लिए सावधान रहने की जरूरत है।
बुखार एवं उसके रोकथाम पर सेमिनार आयोजित
कमला नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी नर्सिंग संकाय में शनिवार को जीएनएम प्रथम वर्ष की छात्राओं द्वारा बुखार एवं उसके रोकथाम व इलाज विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। छात्रा नाजनीन, मुक्ता, रोशनी, रोली, साक्षी व खुशी द्वारा बुखार के कारणों पर विस्तृत चर्चा की गई। इस दौरान घरेलू नुस्खे से बचाव के भी उपाए बताए गए। कार्यक्रम में प्रोफेसर डॉ. एसडी शर्मा, अनुराधा श्रीवास्तव, नीना सक्सेना समेत कई शिक्षक-शिक्षिकाएं मौजूद रहीं।