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रोकथाम को लाखों का बजट,फिर भी खून पी रहे मच्छर

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By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 11:46 PM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 11:46 PM (IST)
रोकथाम को लाखों का बजट,फिर भी खून पी रहे मच्छर
रोकथाम को लाखों का बजट,फिर भी खून पी रहे मच्छर

सुलतानपुर : ग्रामीणांचल में मच्छरजनित रोगों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समितियां सिर्फ कागज पर सक्रिय नजर आ रही हैं। मच्छरों से बचाव के लिए हर साल लाखों रुपये का बजट इन समितियों को आवंटित किया जाता है। इसके बावजूद भी गांवों में सफाई व्यवस्था बदहाल है। कीटनाशक दवाओं का छिड़काव तक नहीं किया जा रहा है। यह बजट कहां खर्च किया जाता है, यह बड़ा सवाल है।

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पांच महीने बीते, खर्च नहीं की गई रकम

लम्भुआ : स्थानीय विकास खंड के 87 गांवों की स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समितियों के लिए चालू वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए पांच लाख 65 हजार 500 रुपये का बजट जारी किया गया था। पांच माह बीत गए अभी तक एक पाई भी खर्च नहीं की गई है। तहसील मुख्यालय से लेकर क्षेत्र के तकरीबन सभी गांवों में गंदगी व मच्छरों की भरमार है।

नालियों-तालाबों में पनप रहे मच्छर, सो रहे जिम्मेदार

सुलतानपुर : गांव के आसपास स्थित तालाबों व नालियों के पानी में भारी तादाद में मच्छर पनप रहे हैं। अखंडनगर संवादसूत्र के अनुसार क्षेत्र के बेलवाई, वनबहा, सिरखिनपुर, बड़गांव, वनगवांडीह, घाटमपुर, हरपुर व भिउरा समेत क्षेत्र के दर्जनों गांवों में मच्छरजनित बीमारियों से रोकथाम के नाम पर सिर्फ घास सुखाने की दवा का छिड़काव किया गया है। बल्दीराय, मोतिगरपुर, जय¨सहपुर, धनपतगंज, कूरेभार, दोस्तपुर, भदैंया व जय¨सहपुर ब्लाकों के गांवों में अभी तक मच्छरों की फौज से लड़ने की कोई उल्लेखनीय पहल नहीं की गई है।

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खबर का असर.

सीमएओ ने की आपात बैठक

दैनिक जागरण के मच्छरों का प्रकोप अभियान का व्यापक असर हुआ है। जिला प्रशासन ने खबरों को संज्ञान में लेते हुए स्वास्थ्य महकमे को आड़े हाथों लिया। जिसके बाद शुक्रवार को सीएमओ डॉ.केबी ¨सह ने सिविल लाइन स्थित अपने आवास पर मलेरिया व फाइलेरिया विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ आपात बैठक बुलाई। जिसमें उन्होंने जिला अस्पताल व सीएचसी-पीएचसी में भर्ती बुखार पीड़ितों की जांच रैपिड डायग्नोस्टिक किट से कर रिपोर्ट तलब की है। इसकी निगरानी एसीएमओ डॉ.एके सिन्हा को सौंपी गई है।


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