दांव खेलेगी भाजपा, सपा भी भरेगी हुंकार
बाहुबली पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह की बहन अर्चना सिंह की दावेदारी तय मानी जा रही। निर्दलीय चुने गए सदस्यों पर सभी की नजर साधने के साथ गुणा-गणित शुरू हुई।
अभिषेक मालवीय, सुलतानपुर
मिशन 2022 के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रही भाजपा जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए आसान नहीं है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मिशन 35 का लक्ष्य फेल होने के बाद सारे समीकरण बिगड़ गए। लेकिन, निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा सिंह की जीत के साथ अब दोबारा दांव लगाने की तैयारी में जुट गई है। इसके लिए पार्टी अब निर्दलीय चुने गए सदस्यों को साधने में जुटी है। वहीं, जिले के बाहुबली कहे जाने वाले पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह की बहन अर्चना सिंह भी दावेदारों की सूची में सबसे टॉप पर हैं। वहीं, सपा और बसपा भी अध्यक्ष की कुर्सी हासिल करने के लिए ताना-बाना बुनने लगी है।
मनुष्य कुछ और सोचता है पर नियति कुछ और करती है। वर्ष 2016 में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में जब ऊषा सिंह सपा समर्थित उम्मीदवार थी तो उस वक्त उनके खिलाफ भाजपा ने पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह के भाई यशभद्र सिंह मोनू को समर्थन दिया था। अब उन्हीं की बहन के विरोध में निर्वतमान अध्यक्ष को भाजपा से उम्मीदवार बनाए जाने प्रबल संभावना नजर आ रही है। हाल ही संपन्न हुए पंचायत चुनाव में सपा को जहां सात सीटे मिली है। वहीं, बसपा समर्थित छह उम्मीदवार भी चुने गए हैं। इनके अलावा 27 अन्य जीतकर जिले की पंचायत में पहुंच रहे है। इन्हें हर कोई अपने पाले में लाने की कोशिश करेगा।
भाजपा अपना ही अध्यक्ष लाने की कोशिश में है। चर्चा तो है कि इसके लिए साम-दाम सहित हर नीति अपनाई जाएगी। वहीं, सपा अपने समर्थित सदस्यों की संख्या बढ़ने का दावा कर रही है। पार्टी के जिलाध्यक्ष राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की मंत्रणा के बाद ही अपना पत्ता फेंकेंगे, जबकि भाजपा में इसे लेकर मंथन शुरू हो गया है। चुनावी नतीजों ने सबको चौंका दिया है। कांग्रेस क्या रणनीति अपनाएगी यह आने वाला वक्त बताएगा, फिलहाल बड़े नेताओं ने स्थितियों पर नजर रखने की बात कही है।
नतीजे एक नजर में
कुल सीट - 45
भाजपा - 02
सपा - 07
बसपा - 06
कांग्रेस - 03
अन्य - 27