.थम गई संगीत की लय, सुर हो गए मौन
सुलतानपुर कथक सम्राट पंडित बृजमोहन मिश्र उर्फ बिरजू महाराज एक बार जिले में आए थे। इस दौ
सुलतानपुर : कथक सम्राट पंडित बृजमोहन मिश्र उर्फ बिरजू महाराज एक बार जिले में आए थे। इस दौरान उन्होंने नगर के पं.रामनरेश त्रिपाठी सभागार में कथक का जो प्रदर्शन किया, उसे देख वहां मौजूद हर किसी ने दांतों तले उंगली दबा ली थी। उनसे जिले के कई नवोदित कलाकारों ने टिप्स भी लिए थे। अब उनके न रहने से मानो संगीत की लय थम गई, सुर मौन हो गए।
चार मार्च 2010 को पं.रामनरेश त्रिपाठी की जयंती व उनकी प्रार्थना हे प्रभु आनंददाता ज्ञान हमको दीजिए, प्रार्थना के सौ वर्ष पूरे होने पर सभागार में आयोजित कार्यक्रम में बिरजू महाराज शामिल हुए थे। हार्निया का आपरेशन होने के बावजूद भी उन्होंने पहले अपनी विधा दिखाई। इसके उपरांत कामकाजी महिलाओं के गुस्सा होने पर उनकी भाव-भंगिमा कथक नृत्य के माध्यम से दर्शायी। संत तुलसीदास पीजी कालेज में हिदी विभाग के विभागाध्यक्ष रहे डा. ओंकारनाथ द्विवेदी ने बताया कि जिले का नाम सुलतानपुर क्यों पड़ा, इसके बारे में भी मौजूद लोगों से कथक सम्राट ने पूछा था। कार्यक्रम में पूर्व विधायक चंद्रप्रकाश मिश्र मटियारी, तत्कालीन पालिकाध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल, जयंत त्रिपाठी जैसी जिले की नामी-गिरामी हस्तियां मौजूद रहीं। उनके निधन पर लोगों ने शोक संवेदना व्यक्त की। पूर्व पालिकाध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल ने कहा कि वह देश की धरोहर थे, जिनके सानिध्य में चार मार्च 2010 को कुछ समय बिताने को मिला।
रो पड़ीं अनन्या
24 मिनट में 2306 कथक चक्कर लगाकर गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराने वाली नन्ही नृत्यांगना अनन्या श्रीवास्तव ने कहा कि मैं बिरजू महाराज को देखी तो नहीं हूं, लेकिन उनकी कला शैली जीवन को आत्मसात करने वाली है। इंटरनेट मीडिया के जरिए उनके कुछ कौशल से सीखने का प्रयास करती थी। अचानक निधन की खबर से आंखों में आंसू आ गए।