वाणिज्यिक खनन की मंजूरी पर भड़के श्रमिक
जागरण संवाददाता, बीना (सोनभद्र) : भारत सरकार द्वारा कोल इंडिया में वाणिज्यिक खनन को मंजूरी
जागरण संवाददाता, बीना (सोनभद्र) : भारत सरकार द्वारा कोल इंडिया में वाणिज्यिक खनन को मंजूरी दिए जाने से क्षुब्ध कोलियरी मजदूर सभा (एटक) से संबद्ध कोल श्रमिकों ने गुरुवार की सुबह कार्यालय पर गेट मी¨टग की। इस दौरान श्रमिकों ने काला फीता बांधकर अपना विरोध जताया। श्रमिकों को संबोधित करते हुए एटक बीना शाखा के सचिव अजय कुमार ने कहा कि सरकार द्वारा लिया गया निर्णय निजी घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए है। सरकार उन्हीं के लिए कार्य कर रही है।
सरकार के इस निर्णय से कोयला उद्योग क्षेत्र में पुन: 1973 के पहले की स्थिति आ जाएगी, जो न राष्ट्रहित में है न उद्योगहित में। उन्होंने कहा कि 22 फरवरी को देश के दस ट्रेड यूनियनों ने दिल्ली में बैठक आयोजित की जिसमें सरकार की नीतियों को मजदूर विरोधी बताया गया। इसमें मजदूर कानूनों को समाप्त कर सभी नौकरियों को अस्थाई बनाने की दिशा में सरकार कांट्रैक्टर लेबर एक्ट में संशोधन कर रही है। सभी ट्रेड यूनियनों ने सरकार द्वारा जारी किए गए बजट का पुरजोर विरोध किया है। सरकार 47 वां इंडियन लेबर कांफ्रेंस को स्थगित कर त्रिपक्षीय वार्ता की संभावना को ही खत्म कर रही है। रक्षा उपकरण निर्माण उद्योगों के कर्मचारी संगठनों द्वारा सरकार की नीतियों से क्षुब्ध होकर 15 मार्च को एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल किया गया है। जिनके समर्थन में सभी कोल परियोजनाओं में काला फीता, नारेबाजी आदि के माध्यम से विरोध-प्रदर्शन किया गया। श्री कुमार ने कहा कि सरकार देश के औद्योगिक नक्शे से सार्वजनिक प्रतिष्ठानों को विलुप्त करने का मार्ग प्रशस्त कर चुकी है। गेट मी¨टग के दौरान पंकज श्रीवास्तव, अमीत कुमार, रामखेलावन प्रसाद, सीपी यादव, जितेन्द्र वर्मा, सुदामा प्रसाद, अनूप राय, बाबूजी, शंकर ¨सह आदि उपस्थित रहे।