महिला आयोग ने लिया संज्ञान, जांच को पहुंची टीम
नीचे आशियाना ऊपर गुजरने वाली पारेषण लाइन न चैन से सोने देती है न चैन से रहने देती है। निराश्रित महिला 20 साल से न्याय के लिए दर-दर की ठोकरे खा रही थी। उसने विभिन्न अधिकारियों को 600 से अधिक पत्र लिखा बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हुई। फीर उसकी पीड़ा को समझा जागरण ने। जब विस्तार से खबर प्रकाशित की तो उसपर महिला आयोग ने संज्ञान लिया। आयोग से जिलाधिकारी को पत्र आया तो उन्होंने महिला कल्याण अधिकारी के नेतृत्व में टीम को पीड़िता तारावती के घर भेजकर गुरुवार को पड़ताल करवाया।
जासं बीजपुर (सोनभद्र): नीचे आशियाना, ऊपर गुजरने वाली पारेषण लाइन न चैन से सोने देती है न चैन से रहने देती है। निराश्रित महिला 20 साल से न्याय के लिए दर-दर की ठोकरे खा रही थी। उसने विभिन्न अधिकारियों को 600 से अधिक पत्र लिखा बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हुई। फिर उसकी पीड़ा को समझा दैनिक जागरण ने। जब विस्तार से खबर प्रकाशित की तो उसपर महिला आयोग ने संज्ञान लिया। आयोग से जिलाधिकारी को पत्र आया तो उन्होंने महिला कल्याण अधिकारी के नेतृत्व में टीम को पीड़िता तारावती के घर भेजकर गुरुवार को पड़ताल करवाया।
सिदूर ग्राम पंचायत के टोला धरतीडांड़ में तारावती देवी पत्नी स्वर्गीय रामलोचन तिवारी को अब न्याय मिलने की उम्मीद जगने लगी है। अधिकारियों का एक दल महिला के घर जाकर पूरे मामले की जानकारी ली। जिला महिला कल्याण अधिकारी नीतू यति सिंह, जिला बाल संरक्षण अधिकारी विजय कुमार, सुधीर कुमार शर्मा ने महिला के घर गुरुवार की दोपहर जाकर जांच पड़ताल करते हुए पीड़िता का बयान लिया। पारेषण लाइन की चपेट में आए मकान और संपत्ति की फोटो भी टीम ने लिया। जांच टीम द्वारा ग्राम प्रधान सिदूर श्याम लाल से भी जानकारी ली। 20 वर्षों से पीड़ित महिला को आवास, शौचालय एवं अन्य सरकारी योजनाओं से लाभान्वित क्यों नहीं किया गया हैं। महिला को आश्वस्त किया गया कि इसका जल्द निराकरण किया जाएगा। इसमें वीके मिश्रा, सन्तोष दुबे, इन्द्रप्रताप सिंह, कृष्णदत्त पांडेय, ज्ञानबल्लभ दुबे, उर्मिला देवी, प्रभावती देवी, जयदीप तिवारी उपस्थित थी।