अवकाश के लिए महिला शिक्षक संघ ने सौंपा ज्ञापन
जागरण संवाददाता सोनभद्र बेसिक शिक्षा में सेवारत समस्त महिला शिक्षक व कर्मचारियों को माह में तीन दिन का पीरियड लीव (मासिक धर्म) देने के लिए शासनादेश जारी करने की मांग को लेकर उत्तर महिला शिक्षक संघ की जिलाध्यक्ष शीतल दहलान की अगुवाई में शिक्षकों ने सदर विधायक भूपेश चौबे व ओबरा विधायक संजीव गोड़ को ज्ञापन सौंपा।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : बेसिक शिक्षा में सेवारत समस्त महिला शिक्षक व कर्मचारियों को माह में तीन दिन का पीरियड लीव (मासिक धर्म) देने के लिए शासनादेश जारी करने की मांग को लेकर उत्तर महिला शिक्षक संघ की जिलाध्यक्ष शीतल दहलान की अगुवाई में शिक्षकों ने सदर विधायक भूपेश चौबे व ओबरा विधायक संजीव गोड़ को ज्ञापन सौंपा।
कहा कि महिलाओं की शारीरिक व मानसिक स्थिति अन्य सामान्य दिनों की तुलना में मासिक धर्म के दौरान अलग और तकलीफ देय होती है। इस समय कमजोरी व पेट में दर्द बनी रहती है। डाक्टर का परामर्श भी है कि महिलाओं को इन दिनों भाग दौड़ से बचना चाहिए अन्यथा यूट्रस से होने वाली गंभीर समस्या के कारण उनका स्वास्थ्य प्रभावित होगा। जिस का असर उनके गर्भ पर भी पड़ सकता है। संविधान के अनुच्छेद 15 व 42 के अंतर्गत राज्य सरकार महिलाओं व लड़कियों के कल्याण के लिए विशेष उपबंध कर सकती है। संविधान के इस प्राविधान के तहत बिहार सरकार ने 30 वर्ष पहले 1992 में अपने राज्य की समस्त सेवारत महिला शिक्षक व कर्मियों को विशेष अवकाश के रूप में पीरियड लीव प्रदान की जा रही है, जो सराहनीय है। उप्र सरकार द्वारा महिलाओं व लड़कियों के लिए मिशन शक्ति व अन्य कल्याणकारी योजनाओं को प्राथमिकता के साथ चलाकर उन्हें सशक्त बनाया जा रहा है, जो सराहनीय व प्रशंसनीय है। महिलाओं की इस अनिवार्य व प्राकृतिक समस्या पर मानवीय ²ष्टिकोण अपनाते हुए बिहार की भांति उप्र में भी समस्त महिला शिक्षक व कर्मचारियों को विशेष अवकाश के रूप में पीरियड लीव/मासिक धर्म अवकाश के रूप में प्रदान करने के लिए शासनादेश जारी करने की मांग की। इस मौके पर शिक्षिका कौशर जहां सिद्दीकी, रत्ना चतुर्वेदी, इशिका पांडेय, रिशू सोनकर, कोमल साहू, वर्षा वर्मा, सोनाली मजूमदार, गायत्री त्रिपाठी, कुंजलता त्रिपाठी, प्रीति त्रिपाठी, प्रज्ञा तिवारी, ज्योत्सना तिवारी आदि मौजूद रहीं।