मुर्धवा में एक सप्ताह से जलापूर्ति ठप, बढ़ी परेशानी
मुर्धवा में एक सप्ताह से पानी आपूर्ति ठप, बढ़ी परेशानीमुर्धवा में एक सप्ताह से पानी आपूर्ति ठप, बढ़ी परेशानीमुर्धवा में एक सप्ताह से पानी आपूर्ति ठप, बढ़ी परेशानीमुर्धवा में एक सप्ताह से पानी आपूर्ति ठप, बढ़ी परेशानी
जागरण संवाददाता, रेणुकूट (सोनभद्र): रिहंद जलाशय के किनारे स्थित निहाई पाथर गांव में लगे जल संयंत्र से पानी आपूर्ति करीब एक सप्ताह से ठप है। इससे मुर्धवा, खाड़पाथर क्षेत्र में रहने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में जल निगम के अवर अभियंता ने बिजली की समस्या के कारण आपूर्ति प्रभावित होने की बात कहते हुए विद्युत विभाग के एमडी को पत्र लिखा है। वहीं ग्रामीणों ने पानी आपूर्ति सुचारु कराने की मांग की है।
ग्रामीणों की मानें तो इस उमसभरी गर्मी में नहाना तो दूर पीने के पानी के लिए लोग तरस गये हैं। कहते हैं निहाई पाथर गांव में जल निगम द्वारा जल संयंत्र प्लांट लगाकर मुर्धवा, खाड़पाथर, धौकीनाला, बड़वान, निहाई पाथर गांव में जल आपूर्ति की जाती है। गत दो महीनों में इन गांवों की पेयजल व्यवस्था चरमरा गई है। वहीं एक सप्ताह से स्थिति काफी खराब है। शुक्रवार को कुछ मिनट के लिए नलों में पानी तो आया लेकिन कुछ ही देर में बंद हो गया। फिर पानी आया ही नहीं। जल निगम के अधिकारियों ने बिजली के फाल्ट के कारण पानी सप्लाई में परेशानी होने की वजह बताया। कहा कि आयेदिन तार टूट जाता है तो कभी फ्यूज उड़ जाता है। जल निगम के अधिकारियों का कहना है कि इस बारे में विद्युत विभाग के अधिकारियों को हमेशा अवगत कराया जाता है लेकिन फाल्ट जल्द ठीक करा लेने की बात कहकर वह अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। इस स्थिति में अवर अभियंता धर्मेंद्र यादव ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक को पत्र लिखकर व्यवस्था को दुरुस्त कराने की मांग की है। इस संबंध में विद्युत वितरण खंड पिपरी के अवर अभियंता ज्ञानेंद्र ¨सह ने कहा कि जंगल व पहाड़ का इलाका है। पूरी कोशिश की जाती है कि फाल्ट न होने पाये। ग्रामीणों ने शीघ्र आपूर्ति की मांग किया
मुर्धवा, खाड़पाथर, धौकीनाला, बड़वान, निहाई पाथर गांवों के लोगों ने उच्चाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए शीघ्र पानी आपूर्ति व्यवस्था ठीक करने की मांग किया है। ग्रामीण गो¨वद गुप्ता, विजय कुमार, रामजीत, गणेश चौरसिया, अजीत यादव, छट्ठू लाल, लल्लन प्रसाद आदि लोगों ने कहा कि समस्याएं गंभीर होती जा रही हैं। शीघ्र समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो बड़ा आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।