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वाटर रीसर्कुलेशन सिस्टम की बढ़ाई जाएगी क्षमता

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम के प्रबंध निदेशक डा. सेंथिल पांडियन सी ने ओबरा दौरे के दौरान बताया कि प्रदूषण पर प्रभावी रोकथाम के लिए वाटर रिसर्कुलेसन सिस्टम की क्षमता बढ़ाई जायेगी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Oct 2019 06:56 PM (IST)Updated: Wed, 02 Oct 2019 06:56 PM (IST)
वाटर रीसर्कुलेशन सिस्टम की बढ़ाई जाएगी क्षमता
वाटर रीसर्कुलेशन सिस्टम की बढ़ाई जाएगी क्षमता

जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम के प्रबंध निदेशक डा. सेंथिल पांडियन सी ने ओबरा दौरे के दौरान बताया कि प्रदूषण पर प्रभावी रोकथाम के लिए वाटर रीसर्कुलेशन सिस्टम की क्षमता बढ़ाई जाएगी। बताया कि ओबरा-सी के भारी वाहनों से सड़कों को पहुंच रही क्षति को देखते हुए उनका निर्माण कराया जाएगा। साथ ही परियोजना कालोनी से बाहर शारदा मंदिर चौराहे तक जिला खनिज निधि से सड़क निर्माण के लिए जिला प्रशासन से बात की जाएगी।

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दैनिक जागरण से वार्ता में बताया कि 1600 मेगावाट क्षमता की ओबरा-डी के लिए एनटीपीसी द्वारा टोपोग्राफिकल सर्वे (स्थालाकृति) चल रहा है। बताया कि अग्निकांड के कारण बंद हुयी ब तापघर की 12वीं और 13वीं इकाई के आरएंडएम का कार्य समयानुसार चल रहा है। आगामी दिसम्बर में एक इकाई को चालू कर दिया जाएगा। इससे पहले प्रबंध निदेशक एवं निदेशक तकनीकी अरविन्द तिवारी  ओबरा तापीय परियोजना का स्थलीय निरीक्षण कर चकाड़ी ऐश बांध, 200 मेगावाट की मशीनों, कोल हैंडलिग एरिया तथा 12वीं व 13वीं इकाई के जीर्णोद्धार कार्यों का जायजा लिया। अग्निकांड में बंद चल रही इकाइयों का अनुरक्षण कर रहे  बीएचईएल तथा ओबरा तापीय परियोजना के अधिकारियों के साथ बैठक कर गहन मंत्रणा की। इकाइयों के जीर्णोद्धार कार्य में तेजी लाने तथा समय से निष्पादित कराने का सख्त निर्देश दिया। इस दौरान तापीय परियोजना के मुख्य महाप्रबंधक सीपी मिश्र, महाप्रबंधक ब'आरपी सक्सेना, महाप्रबंधक (अ) कृष्ण मोहन, अधीक्षण अभियंता एमएल पांडेय, समीर भटनागर, राजकुमार गुप्ता, मनोज सक्सेना, यूसी मिश्र अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। संघर्ष समिति ने सौंपा ज्ञापन 

प्रबंध निदेशक को वीआईपी गेस्ट हाउस में विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति सहित अभियंता संघ एवं जूनियर इंजीनियर संगठन ने ज्ञापन सौंपा। समिति ने ओबरा सी के कारण खराब हो रहे अग्निकांड में मामले में हुयी कार्यवाही, सड़कों की जर्जरता, परियोजना चिकित्सालय में चिकित्सकों की कमी सहित कई मुद्दे पर एमडी से वार्ता की । इस दौरान परियोजना आवासों में अवैध कब्जे हटाने का निर्देश एमडी ने दिया। समिति संयोजक बीडी विश्वकर्मा, अदालत वर्मा, अजय सिंह, शशिकांत श्रीवास्तव, दिनेश यादव, अभय प्रताप सिंह, ओपी पाल, इं सुरेश, अवधेश सिंह, पीडी द्विवेदी, मनीष तिवारी, विनय दीक्षित, संजय शुक्ला आदि थे।


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