वोटवा हमके वही का देवे के हव, जे विकास क बात करी
सोनांचल में पारा 40 डिग्री तक पहुंचने वाला है। वहीं किसान जो मतदाता भी है खेतों में गेहूं की मड़ाई में लगा हुआ है। यही वजह है कि पंचायत चुनाव में दावेदारी कर रहे उम्मीदवारों को उनसे मिलने के लिए खेतों की तरफ रूख करना पड़ रहा है।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : सोनांचल में पारा 40 डिग्री तक पहुंचने वाला है। वहीं किसान, जो मतदाता भी है, खेतों में गेहूं की मड़ाई में लगा हुआ है। यही वजह है कि पंचायत चुनाव में दावेदारी कर रहे उम्मीदवारों को उनसे मिलने के लिए खेतों की तरफ रूख करना पड़ रहा है। खेत में आने के बाद गेहूं काटने से लेकर सिर पर बोझ उठाकर खलिहान तक पहुंचाने से भी उम्मीदवार गुरेज नहीं कर रहे।
जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, गांव के चौपाल सुबह व शाम जीवंत हो जा रहे हैं। शुक्रवार को कन्हौरा गांव के एक चाय व पान की दुकान पर ऐसा ही देखने को मिला। गांव के ही सुरेश चाय की चुस्कियां ले रहे थे। इसी बीच वहां विनोद, बढ़कू, सेचन, मनोज आ धमके। बात-बात में चुनावी माहौल पर तर्क-कुतर्क शुरू हो गया। जाति व धर्म से ऊपर उठकर बात विकास पर आकर अटक गई। बीच में सबको रोककर सुरेश बोले, पहिले हमार सुना, हम बेबाक बोलब, भइया ई चुनाव बार-बार नहीं आई, इसलिए ऐसे प्रत्याशी को चुना जाना चाहिए जो भेदभाव से दूर गांव का विकास कर सके और हर गरीब तक विकास की रोशनी पहुंचा सके। विनोद ने उनकी बात को लपक लिया, बोले, देखा भाय, सब लोग दुआरे आवत हऊवन लेकिन वोटवा हमके वही का देवे के हव, जे विकास की बात करी। बढ़कू, सेचन, मनोज सबने विनोद की बातों का समर्थन किया और कहा कि जल्दबाजी में निर्णय नहनी लेवे के हव। हम सब लोग ऐ बार विकास करे वाले प्रत्याशी के ही वोट देवल जाई .. यह चर्चा चल ही रही थी कि एक प्रत्याशी आ धमके। लगे अपने जीत का दावे करने। इस बीच सभी लोग एक-दूसरे का मुंह देखकर हंसना शुरू कर दिया। चाय के दुकान से उठकर विनोद ने जेब से पैसे निकालकर पैसे देने का प्रयास किया तो प्रत्याशी तपाक से बोले, क्या भैया हम तक हइये हइ पैसा देवे बदे राहे दा, हम दे देब ..। सबने ठहाका लगा इसके बाद अपने-अपने घरों के लिए चल दिए।