सिगरौली प्रदूषित क्षेत्र से सुकृत सहित 19 गांव बाहर
सुकृत सहित आस-पास के 19 गांव सिगरौली प्रदूषित क्षेत्र से अब बाहर हो गए हैं। इन गांवों को इस क्षेत्र में एक दशक पहले शामिल किया गया था। उसके बाद इस इलाके में किसी भी नए क्रशर प्लांट को लगाने पर रोक लगा दी गई। जो चल भी रहे थे उसे बंद कर दिया गया। अब प्रदूषित क्षेत्र से बाहर होने के बाद यहां क्रशर प्लांटों का संचालन नियमानुसार किया जा सकता है। नियमों के तहत क्रशर प्लांट संचालित कराने के लिए सुकृत क्रशर एसोसिएशन आगे आ रहा है। एसोसिएशन के लोग इस क्षेत्र को आदर्श बनाने की तैयारी में हैं।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : सुकृत सहित आस-पास के 19 गांव सिगरौली प्रदूषित क्षेत्र से अब बाहर हो गए हैं। इन गांवों को एक दशक पहले शामिल किया गया था। उसके बाद इस इलाके में किसी भी नए क्रशर प्लांट को लगाने पर रोक लगा दी गई। जो चल भी रहे थे उसे बंद कर दिया गया। अब प्रदूषित क्षेत्र से बाहर होने के बाद यहां क्रशर प्लांटों का संचालन नियमानुसार किया जा सकता है। नियमों के तहत क्रशर प्लांट संचालित कराने के लिए सुकृत क्रशर एसोसिएशन आगे आ रहा है। एसोसिएशन के लोग इस क्षेत्र को आदर्श बनाने की तैयारी में हैं।
एसोसिएशन के सचिव मृत्युंजय राय ने बताया कि एनजीटी द्वारा गठित ओवर साइट कमेटी द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में शासन द्वारा एक दिसंबर को पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन अनुभाग 7 द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि 19 गांव सहित सुकृत क्षेत्र सिगरौली पॉल्यूटेड एरिया से आच्छादित नहीं है। अत: पांच अगस्त 2000 द्वारा जारी निर्देश के अनुसार सुकृत क्षेत्र पर प्रभावित नहीं होगा। बताया कि उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में मृत्युंजय राय प्रतिनिधि स्टोन क्रशर संचालन के प्रत्यावेदन को निस्तारित किया किया गया है। यह आदेश प्रमुख सचिव पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग उत्तरप्रदेश शासन के द्वारा जारी किया गया है। इस दौरान सुकृत क्रशर एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज सिंह व कोषाध्यक्ष कमलेश केशरी ने सुकृत क्षेत्र में पर्यावरणीय मानकों को पूरा करते हुए आदर्श क्षेत्र बनाने की बात कही गई। संचालन सदस्य क्रशर एसोसिएशन बृजेश पांडेय ने किया। एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने आदर्श प्लांट एरिया बनाने का खाका भी तैयार किया है।