मूलभूत सुविधाओं के लिए सीएसआर मद का करें उपयोग
जाय। विभाग के जिस योजना को लिया जाय उस योजना को संतृप्त करते हुए मॉडल रूप देकर पिछड़ेपन की श्रेणी से योजनाओं के बिदु को बाहर किया जाय। जिले के औद्योगिक इकाईयां तत्परता के साथ जिला स्तर से लिए गए निर्णय के अनुरूप नए कार्यों को कराने व पुराने कार्यों को पूरा करने पर विशेष ध्यान।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : सीएसआर मद का सदुपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, बाल विकास के साथ ही मूलभूत सुविधाओं के लिए किया जाए। विभाग के जिस योजना को लिया जाए, उस योजना को संतृप्त करते हुए मॉडल रूप देकर पिछड़ेपन की श्रेणी से योजनाओं के बिदु को बाहर किया जाए। जिले के औद्योगिक इकाइयां तत्परता के साथ जिला स्तर से लिए गए निर्णय के अनुरूप नए कार्यों को कराने व पुराने कार्यों को पूरा करने पर विशेष ध्यान दें।
यह निर्देश जिलाधिकारी एस. राजलिगम ने सोमवार को कलेक्ट्रेट में सामाजिक नैगमिक दायित्व (सीएसआर) की समीक्षा बैठक करते हुए कहीं। जिलाधिकारी ने कहा कि औद्योगिक संस्थानों को आवंटित कार्य औद्योगिक इकाइयां समयबद्ध तरीके से पूरा करें। उन्होंने कहा कि जिले के ग्रामीण इलाके के स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं को मुहैया कराने के साथ ही सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के साथ ही अन्य कार्यों को गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाय।
जिलाधिकारी ने पर्यावरण संरक्षण के सम्बन्ध में औद्योगिक इकाइयों को निर्देशित किया कि वह हर हाल में पर्यावरण के संरक्षण के मानकों को पूरा करें। श्री राजलिगम ने कहा कि राष्ट्रीय हरित न्याधिकरण (एनजीटी) के निर्देश का अक्षरश: अनुपालन किया जाय। जिलाधिकारी ने जिले में स्थापित इस मौके पर सीडीओ अजय कुमार द्विवेदी, एडीएम योगेन्द्र बहादुर सिंह, सीएमओ डा. एसपी सिंह, डीडीओ रामबाबू त्रिपाठी, पीडी आरएस मौर्या, डीआइओएस फूलचन्द यादव, बीएसए डा. गोरखनाथ पटेल, लोकेन्द्र कुमार आदि थे।