Move to Jagran APP

बदलते मौसम में बरतें सावधानी, नहीं तो होगी परेशानी

तापमान में उतार-चढ़ाव शुरू हो गया है। दिन का तापमान बढ़ जा रहा है तो रात में पारा लुढ़क जा रहा है। ऐसे में थोड़ी सी असावधानी आपकी सेहत बिगाड़ सकती है। खासकर अगर आपका शरीर कमजोर है तो ऐसी लापरवाही काफी महंगी भी साबित हो सकती है। बारिश के बाद हो रही रुक-रुक धूप शरीर में प्रतिरोधक क्षमता के लिए बेहद खतरनाक है, ऐसे में थोड़ी सी सावधानी बरतकर हम स्वस्थ रह सकते हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 06:32 PM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 06:32 PM (IST)
बदलते मौसम में बरतें सावधानी, नहीं तो होगी परेशानी
बदलते मौसम में बरतें सावधानी, नहीं तो होगी परेशानी

जागरण संवाददाता, अनपरा (सोनभद्र) : बारिश के बाद बहुत ही तेजी से मौसम बदलने लगा है। दिन के तापमान में वृद्धि तो रात में सर्द हवा से पारा लुढ़क जा रहा है। ऐसे में शरीर कमजोर है तो थोड़ी सी असावधानी आपके स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकती है। बारिश के तुरन्त बाद धूप शरीर के प्रतिरोधक क्षमता के लिए बेहद खतरनाक है। ऐसे मौसम में सावधानी बरतकर हम स्वस्थ रह सकते हैं।

prime article banner

अनपरा तापीय परियोजना चिकित्सालय के वरिष्ठ चिकित्सक डा. प्रेम सागर बताते हैं कि बदलते मौसम में सर्दी, जुकाम से लेकर बुखार तक की समस्याएं सामने आ रही हैं। खासकर छोटे बच्चों, महिलाओं व बुजुर्गों को इस मौसम में काफी परेशानी महसूस होती है। ऐसे में थोड़ी सी लापरवाही बुखार और सांसों की बीमारी से लेकर अटैक तक का झटका दे सकती है। वैसे अभी उतना अधिक घबराने वाला मौसम तो नहीं है, लेकिन वायरल अटैक, बुखार व जुकाम का मौसम तो है ही। खासकर कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग आजकल इसकी चपेट में आ रहे हैं और अस्पताल पहुंच रहे हैं। स्थिति यह है कि डाक्टरों के पास पहुंचने वाले रोगियों में बुखार और सांस की समस्या से पीड़ित लोग अधिक हैं। उनमें ज्यादातर छोटे बच्चे, बुजुर्ग, कमजोर महिलाएं हैं। इस मौसम के वायरस कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वालों पर अपना असर छोड़ने में सफल हो रहे हैं। अभी का बुखार आमतौर पर साफ-सफाई का थोड़ा खयाल रखने से 5-7 दिनों में खुद ही ठीक हो जाता है। सावधानियां न बरती गई और बुखार लगातार जारी रहे तो निमोनिया या फेफड़े में संक्रमण की समस्या हो सकती है। बाहर खाने-पीने पर पर्याप्त ध्यान न देने से आप उल्टी, दस्त आदि के शिकार हो सकते हैं। यह फूड प्वाइज¨नग या एनिवायसिस की समस्या के कारण होता है। छोटे बच्चे इस मौसम में पानी पीना पसंद नहीं करते। ऐसे में अगर दस्त हो जाय तो डीहाइड्रेशन की समस्या सामने आती है और बच्चे को अस्पताल ले जाना पड़ता है। वायरल का है बड़ा खतरा

यह वायरल इंफेक्शन का मौसम है। इससे बचाव के लिए सबसे जरूरी है साफ-सफाई। चाहे आप दफ्तर में रहें या घर में, बार-बार हाथ धोते रहें। बाहर से घर लौटें तो हाथ और चेहरा को अच्छी तरह धोएं। अगर आपको खांसी हो रही है तो खांसते समय मुंह पर रूमाल जरूर रखें ताकि सामने वाला संक्रमित न हो। सामने कोई दूसरा व्यक्ति खांस रहा है तो आप वहां से हट जाएं, अन्यथा आप भी उस वायरस की चपेट में आ सकते हैं। जुकाम की स्थिति में नाक साफ करने के लिए अलग से रूमाल रखें और उसकी सफाई भी अलग ही करें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.