त्रिवेणी लिक एक्सप्रेस का संचालन निरस्त करने से नाराजगी
जागरण संवाददाता दुद्धी (सोनभद्र) लखनऊ आने जाने के लिए हजारों मुसाफिरों के एक मात्र साधन।
जागरण संवाददाता, दुद्धी (सोनभद्र) : लखनऊ आने जाने के लिए हजारों मुसाफिरों के एक मात्र साधन त्रिवेणी लिक एक्सप्रेस का संचालन रेलवे बोर्ड की तरफ से स्थाई रूप से निरस्त कर दिया गया। मंगलवार की देररात इसकी भनक लगते ही समूचे क्षेत्रवासियों में रेलवे प्रशासन के प्रति नाराजगी देखने को मिल रही है। बुधवार की सुबह स्थानीय रेलवे स्टेशन के अधीक्षक अरुण कुमार पाण्डेय द्वारा पुष्टि करते ही प्रबुद्ध वर्ग के लोगों ने भड़ास निकालनी शुरू कर दिया।
आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र को संगम, हाईकोर्ट एवं राज्य सरकार व एसजीपीजीआइ से जोड़ने वाली एक मात्र यातायात का साधन त्रिवेणी लिक एक्सप्रेस मात्र ट्रेन भर नहीं है बल्कि लाइफ लाइन है। पड़ोसी राज्य झारखंड के लोगों का भी लखनऊ से जुड़ाव बढाने वाली ट्रेन के संचालन के परिचालन बंद होने की खबर समूचे क्षेत्र में आग की तरह फैल गई। दुद्धी बार के अध्यक्ष जितेंद्र श्रीवास्तव ने रेलवे के शीर्ष अधिकारियों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उनका यह निर्णय लाखों गरीब आदिवासी वादकारियों के खिलाफ है। सिविल बार के अध्यक्ष नागेंद्र नाथ श्रीवास्तव ने गरीबों के लिए छलावा बताया,जबकि अध्यात्मिक से ताल्लुक रखने वाले चंद्रिका बाबू, भोला बाबू आढ़ती समेत अन्य बुजुर्गों ने बताया कि बीते कई वर्षों से प्रयागराज संगम में उनके जैसे हजारों लोगों को डुबकी लगाने की माध्यम बनने वाली इस ट्रेन के बंद होने से मोदी-योगी राज में लोगों के आस्था पर भी गहरा असर पड़ेगा। भाजपा के सुरेंद्र अग्रहरि, समाजवादी पार्टी के जुबेर आलम, बहुजन समाज पार्टी के अनिल कुमार समेत अन्य कई नेताओं ने भी इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि राजधानी से आदिवासी क्षेत्र को सीधा जुड़ने वाली ट्रेन अति महत्वपूर्ण है। इसका परिचालन शीघ्र शुरू नही हुआ तो वे सर्वदलीय आंदोलन करने को बाध्य होंगे। चेयरमैन राजकुमार अग्रहरि ने कहा कि क्षेत्र के हजारों लोग लखनऊ के एसजीपीजीआइ से स्वास्थ्य सुविधा लेते है। इसमें महत्वपूर्ण कड़ी लिक एक्सप्रेस है। इसका परिचालन बंद होने से गरीब लोगों के इलाज पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। लोगों ने एक सुर में कोरोना काल में बंद हुए त्रिवेणी लिक एक्सप्रेस का संचालन पूर्ववत करने की मांग की है।