टरबाइन जेनरेटर में आग, चार अभियंता झुलसे
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम के अनपरा डी तापीय परियोजना की 7वीं इकाई के टरबाईन जनरेटर में बुधवार की अपराह्न दो बजे आग लग गई।
जासं, अनपरा (सोनभद्र) : यूपी राज्य विद्युत उत्पादन निगम के अनपरा-डी तापीय परियोजना की 7वीं इकाई के टरबाइन जनरेटर में बुधवार की अपराह्न दो बजे आग लग गई, जिससे चार सहायक अभियंता झुलस गए। इसकी सूचना से परियोजना में अफरातफरी मच गई। 1000 मेगावाट क्षमता वाली अनपरा-डी परियोजना की दोनों इकाइयों से उत्पादन ठप हो गया है।
राख बांध पर बने देश की पहली विद्युत परियोजना अनपरा-डी की यूनिट सात के टरबाईन जनरेटर में बुधवार को दो बजे अचानक तेज आवाज के साथ आग लग गई। आग देखते ही देखते टरबाईन जनरेटर को पूरी तरह से अपने आगोश में ले लिया। आग की भयावहता व धुआं देख आस-पास के कर्मियों में हलचल मच गयी। ड्यूटी पर तैनात सहायक अभियंता अरविन्द सिंह, वरुण गौतम, अशोक पाल, जयंत तिवारी आग की चपेट में आने से झुलस गये। उन्हें परियोजना के चिकित्सालय में ले जाया गया, जहां सभी को वाराणसी के लिए रेफर कर दिया गया। इसकी सूचना पर अनपरा तापीय परियोजना व लैंको तापीय परियोजना के पहुंचे दमकल कर्मियों ने दो घंटे की कड़ी मशक्कत कर आग पर काबू पाया। दमकल कर्मियों द्वारा आग बुझाने का काम शाम तक जारी रहा। आग लगने से अनपरा-डी की दोनों इकाइयां ट्रिप हो जाने से परियोजना का उत्पादन शून्य हो गया। टरबाइन जनरेटर में आग लगने के कारण उत्पादन निगम को करोड़ों रुपये की क्षति होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। प्रबंधन घटना स्थल का निरीक्षण कर आग लगने के कारणों की जांच में जुटी है। आग के कारण 7वीं इकाई को चालू होने में कम से कम छह माह से अधिक का समय लग सकता है। अनपरा तापीय परियोजना के सीजीएम हीरामन प्रसाद सिंह ने कहा कि इस समय मैं बाहर हूं। मौके पर उपस्थित न होने के कारण कुछ बताने में असमर्थ हूं।
पीआरओ कामरेन्द्र सिंह ने कहा कि आग लगने के कारणों की जानकारी ली जा रही है। घटना में क्या क्षति हुई व इकाई को कब तक चालू किया जा सकेगा। सभी बिन्दुओं की जांच की जाएगी।