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धूल फांक रहे थर्मल स्कैनर व आक्सीमीटर, नहीं हो रही जांच

जिले में कोरोना की पहली लहर में गांव में संक्रमण की स्थिति जानने के लिए शासन के निर्देश पर थर्मल स्कैनर व आक्सीजन मापने के लिए आक्सीमीटर की खरीद हुई थी। इस बार भी कोरोना की दूसरी लहर में उपकरण आशाकर्मियों के यहां धूल फांक रहे हैं और लोगों की जांच नहीं की जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 May 2021 06:58 PM (IST)Updated: Wed, 12 May 2021 06:58 PM (IST)
धूल फांक रहे थर्मल स्कैनर व आक्सीमीटर, नहीं हो रही जांच
धूल फांक रहे थर्मल स्कैनर व आक्सीमीटर, नहीं हो रही जांच

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : जिले में कोरोना की पहली लहर में गांव में संक्रमण की स्थिति जानने के लिए शासन के निर्देश पर थर्मल स्कैनर व आक्सीजन मापने के लिए आक्सीमीटर की खरीद हुई थी। इस बार भी कोरोना की दूसरी लहर में उपकरण आशाकर्मियों के यहां धूल फांक रहे हैं और लोगों की जांच नहीं की जा रही है।

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बता दें कि आपदा में अवसर ढूंढने वाले अफसरों ने उपकरण खरीद में जमकर खेल किया था। दैनिक जागरण ने सबसे पहले इस भ्रष्टाचार का उजागर किया था जिसके बाद तत्कालीन जिलाधिकारी ने इसकी जांच कराई। मामला पुष्ट होने पर तत्कालीन डीपीआरओ को शासन से निलंबित कर दिया गया था। इस दौरान जिले के 629 ग्राम पंचायतों के सापेक्ष 518 पल्स आक्सीमीटर व थर्मल स्कैनर की आपूर्ति संबंधित गांवों की आशा व अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों के बीच बांटा गया, ताकि वह अपने क्षेत्र में जाकर ग्रामीणों की जांच करती रहेंगी। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि 518 उपकरण के सापेक्ष 312 का भुगतान किया गया था, शेष उपकरण का भुगतान भ्रष्टाचार की पुष्टि के कारण रोक दिया गया था। बुधवार को दैनिक जागरण ने कई ग्राम पंचायतों में इसको लेकर पड़ताल कराई तो सच्चाई चौंकाने वाले आई। सदर ब्लाक के बढ़ौली, सेमर, बरवन, हिदुआरी आदि गांव के ग्रामीणों ने बताया कि पिछले काफी समय से किसी स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा हम लोगों की जांच नहीं की गई है। सैनिटाइजेशन को लेकर भी शिकायत

ग्रामीण इलाकों को पूरी तरह से सैनिटाइज करने के निर्देश के बाद भी अभी भी इसको लेकर विभागीय अधिकारी पूरी तरह से सक्रिय नहीं हुए हैं। हां, पिछले कुछ दिनों से इसको लेकर प्रशासनिक गतिविधि बढ़ी है लेकिन जिले की व्यापकता को देखते हुए यह प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। वर्जन--

जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए खरीदे गए थर्मल स्कैनर व आक्सीमीटर का जल्द ही सत्यापन किया जाएगा। यह भी पता लगाया जाएगा कि जिन्हें यह उपकरण दिया गया था वह उसका उपयोग ग्रामीणों के भलाई के लिए कर रहे हैं कि नहीं। अगर कोई इसको लेकर लापरवाही बरत रहा है तो निश्चित रूप से उसके ऊपर कार्रवाई की जाएगी।

-विशाल सिंह, डीपीआरओ।


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