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कई इकाइयों के चालू होने से मिलेगी राहत

पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी गर्मियों में बिजली की कमी नहीं होने की संभावना है। यूपीएसएलडीसी के अनुसार अगले एक माह के अंदर कई अनुरक्षित इकाइयों के चालू होने से 1500 मेगावाट अतिरिक्त बिजली मिलने लगेगी। कोरोना संकट के बावजूद वार्षिक अनुरक्षण पर बंद चल रही लैंको अनपरा की 600 मेगावाट रिहंद की 500 मेगावाट हरदुआगंज की 250 मेगावाट एवं सिगरौली की 200 मेगावाट की इकाइयां चालू हो जाएंगी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Apr 2021 05:10 PM (IST)Updated: Fri, 23 Apr 2021 05:31 PM (IST)
कई इकाइयों के चालू होने से मिलेगी राहत
कई इकाइयों के चालू होने से मिलेगी राहत

जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी गर्मियों में बिजली की कमी नहीं होने की संभावना है। यूपीएसएलडीसी के अनुसार अगले एक माह के अंदर कई अनुरक्षित इकाइयों के चालू होने से 1500 मेगावाट अतिरिक्त बिजली मिलने लगेगी। कोरोना संकट के बावजूद वार्षिक अनुरक्षण पर बंद चल रही लैंको अनपरा की 600 मेगावाट, रिहंद की 500 मेगावाट, हरदुआगंज की 250 मेगावाट एवं सिगरौली की 200 मेगावाट की इकाइयां चालू हो जाएंगी। इसके अलावा ओबरा की भी 200 मेगावाट की एक इकाई चालू होने वाली है। इसका सीधा लाभ बढ़ती मांग को पूरा करने में होगा। पावर-टू-आल योजना के तहत ऊर्जा निगमों के सामंजस्य से बिजली की अधिकतम मांग को पूरा किया जा रहा है। उत्पादन के साथ केंद्रीय पूल से मिल रही पर्याप्त बिजली से रिकार्ड तोड़ मांग को पूरा किया जा रहा है। वर्ष 2020 के दौरान 479 मिलियन यूनिट बिजली की रिकार्ड आपूर्ति की गई। मांग पूरा करने के लिए ज्यादा मांग वाले महीनों में 187 मियू तक बिजली का रिकार्ड आयात किया गया। प्रदेश की ज्यादातर इकाइयों के चालू रहने के कारण इस बार मांग के पुन: पूरा होने की संभावना है। इस वर्ष अधिकतम बिजली की मांग का आकड़ा 24000 मेगावाट से ज्यादा होने की संभावना है। वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान कोरोना संक्रमण के कारण औद्योगिक गतिविधियां कई महीनों तक प्रभावित रही। उसके बावजूद प्रतिबंधित मांग 123546 मिलियन यूनिट के सापेक्ष 123764.9 मियू आपूर्ति की गई थी। बिजली की मांग में कमी जारी

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मौसमी बदलाव के कारण बिजली की मांग में कमी का दौर जारी है। उत्तराखंड में हुई बारिश के साथ उत्तर प्रदेश में भी कई इलाकों में हुई बारिश के कारण बिजली की मांग 300 मिलियन यूनिट से नीचे लुढ़क गई। गुरुवार को पीक आवर के दौरान अधिकतम प्रतिबंधित मांग 296 मिलियन यूनिट दर्ज की गई। बीते चार अप्रैल के बाद बिजली की प्रतिबंधित मांग 300 मिलियन यूनिट से नीचे लुढ़की है। चार अप्रैल को मांग 299.9 मिलियन यूनिट दर्ज की गई थी। बढ़ते कोरोना संकट के बीच ऊर्जा निगमों के लिए फिलहाल राहत की स्थिति है। हालांकि यह राहत तापमान वृद्धि तक ही बनी रहेगी। अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह में मांग काफी बढ़ती रही है। अभी तक अप्रैल में अधिकतम प्रतिबंधित मांग 30 अप्रैल 2019 को 411.2 मिलियन यूनिट दर्ज की गई है। चालू माह में अभी तक बीते 15 अप्रैल को मांग सबसे ज्यादा 372.2 मियू दर्ज की गई है। उसके बाद से लगातार मांग घट रही है। 20 अप्रैल को मांग 352 मियू, 21 अप्रैल को 323 मिलियन यूनिट तथा 22 को 296 मिलियन यूनिट दर्ज की गई। कुछ दिनों से अधिकतम तापमान के 42 डिग्री के आस पास होने के कारण मांग स्थिर बनी हुई है। तापमान के 45 डिग्री तक पहुंचने पर मांग में 100 मिलियन यूनिट के करीब वृद्धि हो सकती है।


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