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नई कमर्शियल माइनिग को लेकर बढ़ी सुगबुगाहट

कामर्शियल माइनिग के लिए जनपद सिगरौली व सीधी में चयनित कोल ब्लाक धरौली मर्की बरका बंद्रा से 12 हजार से अधिक लोगो को रोजगार हासिल होंगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Jun 2020 05:36 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2020 05:36 PM (IST)
नई कमर्शियल माइनिग को लेकर बढ़ी सुगबुगाहट
नई कमर्शियल माइनिग को लेकर बढ़ी सुगबुगाहट

जासं, अनपरा (सोनभद्र) : कमर्शियल माइनिग के लिए जनपद सिगरौली व सीधी में चयनित कोल ब्लाक धरौली, मर्की बरका, बंद्रा से 12 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार हासिल होगा। इन तीनों कोल ब्लाकों में अनुमानित 11 हजार मिलियन टन कोयले का भंडार है। इन कोल परियोजनाओं से केंद्र व राज्य सरकार को 1024 करोड़ का राजस्व हासिल होगा।

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कमर्शियल माइनिग को लेकर कोयला उद्योग में घमासान मचा हुआ है। सरकार व कोल प्रबंधन के साथ श्रमिक संगठन आर-पार के मूड में है। दो जुलाई से पूरे कोयला उद्योग में तीन दिवसीय हड़ताल की घोषणा की गई है। एनसीएल के समीप में चयनित तीन कोल माइंस को लेकर लोग उत्साहित हैं। कोयला खनन से जुड़े जानकारों के मुताबिक सिगरौली जनपद स्थित धरौली कमर्शियल माइनिग में अनुमानित 586 मिलियन टन कोयले का भंडार है। इस ओपेन माइंस से प्रतिवर्ष तीन मिलियन टन कोयला उत्पादित किया जा सकता है। इस प्रोजेक्ट से केंद्र व राज्य सरकार को 335 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित होगा। जिस निजी कंपनी द्वारा इस नई कोल खदान का संचालन किया जाएगा उसे 450 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा। परियोजना के खुलने से 1014 लोगों को सीधे तौर पर रोजगार मिलेगा। अप्रत्यक्ष रूप से 3042 लोग रोजगार से लाभान्वित होंगे। विभिन्न क्षेत्रों के विकास में आएगी क्रांति

इसी क्रम में दूसरी कमर्शियल माइनिग मर्की बरका में कोयला भंडार की क्षमता 72 मिलियन टन है। प्रतिवर्ष इससे एक मिलियन टन कोयला उत्पादित किया जा सकता है। इस परियोजना से केंद्र व राज्य सरकार को 112 करोड़ रुपये का राजस्व लाभ होगा। इस प्रोजेक्ट को शुरू करने में निजी कंपनी को 150 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा। खदान खुलने से 750 लोगों को सीधे तौर पर रोजगार मिलेगा। जबकि अप्रत्यक्ष रूप से 1014 लोग रोजगार से लाभान्वित होगे। सिगरौली जनपद के पड़ोसी जनपद सीधी में बंद्रा नई कमर्शियल माइनिग खोले जाने की योजना है। इस कोल खदान में 442 मिलियन टन कोयला का भंडार है। इस ओपेन माइंस से वार्षिक पांच मिलियन टन कोयला उत्पादन किया जा सकता है। इस परियोजना से सरकार को 577 करोड़ रुपये का राजस्व लाभार्जन होगा। नई कोल खदान को संचालित करने में 750 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा। परियोजना के खुलने से सीधे तौर पर 1690 लोगो को रोजगार मिलेगा। जबकि अप्रत्यक्ष रूप से 5070 लोग विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार से लाभान्वित होंगे।


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