..तब ओबरा का उत्पादन होगा 1000 मेगावाट
पिछले वर्ष अग्निकांड के कारण बंद हुई ओबरा तापीय परियोजना की इकाइयों के अनुरक्षण और मरम्मत का कार्य फिलहाल तेजी से चल रहा है। 200 मेगावाट वाली 12वीं इकाई को दिसम्बर में तथा 13वीं इकाई को मई 2010 में सिक्रोनाइज करना है।
जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : पिछले वर्ष अग्निकांड के कारण बंद हुई ओबरा तापीय परियोजना की इकाइयों के अनुरक्षण और मरम्मत का कार्य फिलहाल तेजी से चल रहा है। 200 मेगावाट वाली 12वीं इकाई को दिसम्बर में तथा 13वीं इकाई को मई 2020 में सिक्रोनाइज करना है। दोनों इकाइयों के चालू होने पर ओबरा का उत्पादन 1000 मेगावाट हो जाएगा।
दरअसल, दोनों इकाइयों के आरएंडएम का कार्य बीएचईएल (भेल) द्वारा किया जा रहा है। खासकर 12 इकाई को दिसंबर में चालू होने की तिथि तय होने के कारण इसके ज्यादातर महत्वपूर्ण हिस्सों पर कार्य चल रहा है। संभावना है कि नवंबर में इकाई का टेस्ट लाइटअप शुरू हो जाएगा। टेस्ट लाइटअप के तहत आईडी फैन से लेकर फर्नेश तक की सारी प्रक्रियाओं की जांच की जायेगी। ड्रम प्रेशर, एसिड क्लीनिग एवं बॉयलर की ट्यूब साफ करने के साथ फाइनल लाइटअप स्टीम बनाकर टर्बाइन के सभी लाइनों को स्टीम ब्लोइंग किया जाएगा। दरअसल, बीते 23 सितंबर 2018 को 525 करोड़ रुपये खर्च कर 12वीं इकाई को सिक्रोनाइज किया गया था लेकिन, 14 अक्टूबर 2018 को हुए अग्निकांड में इस इकाई को भारी नुकसान हुआ। तब से यह इकाई बंद चल रही है। अग्निकांड में आरएंडएम में चल रही 13वीं इकाई को भी नुकसान पहुंचा, जिसके कारण यह इकाई भी अभी चालू नहीं हो पायी है।
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बजट में एक हजार करोड़ की वृद्धि
ओबरा तापीय परियोजना की 200 मेगावाट की पांचों इकाइयों का लगभग 1635 करोड़ की लागत से आरएंडएम कार्य के लिए उत्पादन निगम एवं मेसर्स बीएचईएल के बीच 21 फरवरी, 2007 को कॉन्ट्रैक्ट एग्रीमेंट हस्ताक्षर हुआ था। इसमें सभी इकाइयों को क्रमश: छह-छह महीने में जीर्णोद्धार करना था लेकिन, आरएंडएम कार्य में काफी विलम्ब होने से अभी तक केवल 9वीं, 10वीं एवं 11वीं इकाई से ही उत्पादन हो रहा है। अभी तक इस जीर्णोद्धार योजना का बजट 1000 करोड़ से ज्यादा बढ़ चुका है। अग्निकांड के बाद प्रदेश कैबिनेट को पुन: ओबरा ब तापघर के मरमम्त की पुनिरीक्षित लागत बढ़ानी पड़ी थी। बीते मार्च में कैबिनेट ने पुनरीक्षित लागत को 2400.23 करोड़ से बढ़ाकर 2660.89 करोड़ रु. कर दिया था।