Move to Jagran APP

उपज हो गई तैयार, अब तो सत्यापन कर दें सरकार

साहब! गेहूं की उपज तैयार हो गई है लेकिन पंजीकरण के बाद भी खतौनी का सत्यापन नहीं होने से गेहूं की बिक्री क्रय केंद्र पर नहीं कर पा रहे हैं। इस तरह की लाचारी किसानों की तरफ से देखी जा रही है। एक से डेढ़ महीने पहले पंजीकरण कराने के बाद भी किसानों का सत्यापन एसडीएम दफ्तर की तरफ से नहीं किया जा रहा है। इसके चलते उपज तैयार होने के बाद भी किसान बिक्री नहीं कर पा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 May 2021 04:27 PM (IST)Updated: Sun, 09 May 2021 04:27 PM (IST)
उपज हो गई तैयार, अब तो सत्यापन कर दें सरकार
उपज हो गई तैयार, अब तो सत्यापन कर दें सरकार

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : साहब! गेहूं की उपज तैयार हो गई है, लेकिन पंजीकरण के बाद भी खतौनी का सत्यापन नहीं होने से गेहूं की बिक्री क्रय केंद्र पर नहीं कर पा रहे हैं। इस तरह की लाचारी किसानों की तरफ से देखी जा रही है। एक से डेढ़ महीने पहले पंजीकरण कराने के बाद भी किसानों का सत्यापन एसडीएम दफ्तर की तरफ से नहीं किया जा रहा है। इसके चलते उपज तैयार होने के बाद भी किसान बिक्री नहीं कर पा रहे हैं। लगातार कई दिनों से मौसम खराब होने के चलते किसानों की चिता और बढ़ गई है। सदर तहसील में एक कर्मचारी को सत्यापन रिपोर्ट लगाने की पूरी जिम्मेदारी सौंप दी गई है। इसके चलते किसान अपनी उपज बेचने से वंचित हैं।

loksabha election banner

जिले में इस बार गेहूं खरीद के लिए कुल 57 क्रय केंद्र बनाए गए हैं। शासन की तरफ से खरीद के लिए कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है। कुछ लापरवाह अधिकारियों के चलते किसान अपनी फसल नहीं बेच पा रहे हैं। एक से डेढ़ महीने पहले किसानों की तरफ से गेहूं खरीद के लिए पंजीकरण कराया गया है, लेकिन अभी तक एसडीएम दफ्तर से उनके खतौनी पर सत्यापन रिपोर्ट नहीं लग पा रही है। इसके चलते किसान उपज तैयार होने के बाद भी बिक्री नहीं कर पा रहे है। इससे किसानों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। दरअसल, 100 क्विटल से अधिक की खरीद होने पर एसडीएम की तरफ से रिपोर्ट लगाई जाती है, लेकिन बहुत से ऐसे किसान हैं जिनकी खतौनी सत्यापित नहीं हो पा रही है। बोले किसान..

गेहूं बेचने के लिए एक अप्रैल को ही पंजीकरण कराया था, लेकिन अभी तक सत्यापन रिपोर्ट नहीं लगने से ऊपज तैयार होने के बाद भी गेहूं की बिक्री नहीं कर पा रहा हूं। इसको लेकर कई बार तहसील कर चक्कर लगाना पड़ा फिर भी सुनवाई नहीं हुई।

- पृथ्वीनाथ शुक्ल, कन्हौरा।

------------------------

16 अप्रैल को पंजीकरण तो हो गया, लेकिन सत्यापित न होने की दशा में गेहूं बेच नहीं पा रहा हूं। लगभग 80 क्विटल गेहूं घर पर डंप पड़ा है।

- गणेश बहादुर सिंह, बभनगांवा।

-----------------------

आनलाइन पंजीकरण करने के बाद उम्मीद थी कि खतौनी सत्यापित हो जाएगी। धीरे-धीरे 20 से अधिक का समय बित गया, लेकिन सत्यापन रिपोर्ट नहीं लगी। इससे गेहूं नहीं बेच पा रहा हूं।

- श्रीकांत मिश्रा, कोरियांव। वर्जन--

किस कारण से पंजीकरण के बाद सत्यापन की रिपोर्ट नहीं लग पा रही है। इसकी जांच कराई जाएगी, जो दोषी होगी कार्रवाई होगी। सभी किसानों की गेहूं की खरीद की जानी है।

- योगेंद्र बहादुर सिंह, अपर जिलाधिकारी सोनभद्र।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.