श्रीराम जानकी विवाह का हुआ वर्णन
जागरण संवाददाता सोनभद्र चतरा ब्लाक के सेहुआ गांव में चल रहे रूद्र महायज्ञ के पांचवें दिन

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : चतरा ब्लाक के सेहुआ गांव में चल रहे रूद्र महायज्ञ के पांचवें दिन शनिवार को 11 यजमानों का रुद्राभिषेक आचार्य सौरभ भारद्वाज द्वारा कराया गया। कथा वाचक विष्णुप्रिया शास्त्री ने राम जानकी विवाह का वर्णन सुनाते हुए कहा कि सीता जी ने खेल-खेल में भगवान शिव का धनुष उठा लिया था। जो कि राजा जनक को परशुराम जी ने दिया था। यह देख कर राजा जनक हतप्रभ थे क्योकि इस धनुष को उठाने की क्षमता केवल परशुराम जी के पास ही थी। सीता मां के यह गुण देख कर राजा जनक ने उनके स्वयंवर की शर्त रखी कि जो कोई भी शंकर जी का धनुष उठा कर उसकी प्रत्यंचा चढ़ा सकेगा, सीता जी का उसी से विवाह होगा। राजा जनक की यह शर्त सुन कर विश्वामित्र अपने साथ प्रभु श्री राम और लक्ष्मण को लेकर सीता स्वयंर में पहुंचे। स्वयंवर में पहुंचे हुए अन्य सभी राजकुमार और राजा शिव धनुष को नहीं उठा पा रहे थे। राजा जनक हताश होने लगे कि क्या कोई भी मेरी पुत्री के योग्य नहीं है। इसके बाद प्रभु श्रीराम का अवसर आया। श्रीराम जी ने एक बार में ही धनुष उठा लिया। यह देख कर सभी हतप्रभ रह गए। लेकिन जब भगवान श्रीराम गुरु के कहने पर शिव धनुष की प्रत्यंचा चढ़ाने लगे। प्रत्यंचा चढ़ाने के प्रयास में शिव धनुष टूट गया। इससे नाराज हो कर स्वयं भगवान परशुराम श्रीराम से प्रायश्चित करने को कहा। लेकिन श्रीराम में भगवान विष्णु का रूप देखकर सीता से विवाह का आशीर्वाद दिया। इस मौके पर अविनाश शुक्ला, पंकज पांडेय, राधेश्याम पांडेय, प्रिया मिश्रा, रागिनी पांडेय, लक्ष्मी तिवारी, साधना सिंह आदि मौजूद रहे।
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