पंक्चर की दुकान पर लगाना पड़ा कैंप
एक तरफ सेवा समर्पण संस्थान द्वारा जिले के आदिवासी अंचल में रहने वाले गरीब व असहाय लोगों के मदद के लिए निश्शुल्क मेडिकल कैंप लगवा रहा है तो दूसरी ओर हजारों रुपये मासिक पगार लेने वाले शिक्षक पूरी तरह से जनहित को ताख पर रखे हुए हैं।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : एक तरफ सेवा समर्पण संस्थान द्वारा जिले के आदिवासी गरीब व असहाय लोगों की मदद के लिए निश्शुल्क मेडिकल कैंप लगाया जा रहा है तो दूसरी ओर हजारों रुपये मासिक पगार लेने वाले शिक्षक जनहित को लेकर पूरी तरह उदासीन बने हुए हैं। सोमवार को एक माह के अवकाश के बाद परिषदीय स्कूल खुलने थे। वहीं दूसरी ओर सेवा समर्पण संस्थान द्वारा आयोजित पांच दिवसीय मेडिकल कैंप भी जनपद के विभिन्न विद्यालयों पर लगने थे। इसी क्रम में डा. अनुराग पांडेय के नेतृत्व में चिकित्सकों की एक टीम म्योरपुर ब्लाक के फफराकुंड स्थित प्राथमिक विद्यालय पर पहुंची, तो वहां पर विद्यालय बंद मिला। काफी इंतजार के बाद भी जब स्कूल नहीं खुला तो चिकित्सकों ने अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए पास ही स्थित एक पंचर बनाने वाले की दुकान पर पहुंचकर कैंप लगाने की अनुमति मांगी। पंचर बनाने वाले व्यक्ति ने शिविर की महत्ता को समझते हुए तत्काल शिविर के लिए हामी भर दी, जिसके बाद चिकित्सकों की टीम वहीं पर ग्रामीणों के इलाज में लग गई। वहीं दूसरी ओर इस बाबत बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. गोरखनाथ पटेल ने बताया कि इस विषय की जानकारी नहीं है, मामला गंभीर है। अगर ऐसा हुआ है तो निश्चित रूप से जांच कराकर संबंधितों पर कार्रवाई की जाएगी। पड़ोसी राज्यों समेत 34 स्थानों पर लगा कैंप
बभनी: पांच दिवसीय विराट स्वास्थ्य शिविर के दूसरे दिन सोमवार को जनपद समेत पड़ोसी राज्यों के मिलाकर 34 स्थानों पर स्वास्थ्य शिविर लगाया गया। इस दौरान करीब नौ हजार ग्रामीणों का इलाज किया गया। जनपद सीमा झारखंड के रक्सी, छत्तीसगढ़ के वाड्रफनगर के छह गांवों में स्वास्थ्य शिविर लगाया गया। इसके अलावा जिले के नगवां ब्लाक में नौ गांव में, नौगढ़ के दो, चोपन के तीन, घोरावल के दो, म्योरपुर के 12 स्थानों पर स्वास्थ्य शिविर लगाया गया।