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प्रबंधन से वार्ता, काम पर लौटे लोको पायलट

अमलोरी-रिहंद नगर एमजीआर रेलवे लाइन पर दो मालगाड़ियों की हुई टक्कर और उसमें तीन कर्मियों की मौत के बाद शुरू हुआ लोको पायलटों का कार्य बहिष्कार सोमवार को समाप्त हो गया। 36 घंटे के बाद एनटीपीसी प्रबंधन के साथ वार्ता के बाद कोयल परिवहन शुरू हुआ। प्रबंधन ने शीघ्र समस्याओं का समाधान कराने का आश्वासन दिया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Mar 2020 06:19 PM (IST)Updated: Tue, 03 Mar 2020 09:49 PM (IST)
प्रबंधन से वार्ता, काम पर लौटे लोको पायलट

जासं, बीजपुर (सोनभद्र): अमलोरी-रिहंद नगर एमजीआर रेलवे लाइन पर दो मालगाड़ियों की हुई टक्कर और उसमें तीन कर्मियों की मौत के बाद शुरू हुआ लोको पायलटों का कार्य बहिष्कार सोमवार को समाप्त हो गया। 36 घंटे के बाद एनटीपीसी प्रबंधन के साथ वार्ता के बाद कोयल परिवहन शुरू हुआ। प्रबंधन ने शीघ्र समस्याओं का समाधान कराने का आश्वासन दिया।

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घटना के बाद प्रबंधन पर मनमानी का आरोप लगाते हुए लोको पायलटों ने कार्य बहिष्कार कर दिया था। सोमवार की देर शाम लोको आपरेटर समूह और एनटीपीसी प्रबंधन के मध्य वार्ता हुई। आपरेटरों ने एमजीआर कंट्रोल रूम में एनटीपीसी प्रबंधन के साथ हुई वार्ता में उच्चाधिकारियों को अवगत कराया। कहा कि यूपीएल प्रबंधन द्वारा प्रशिक्षण प्रमाण पत्र को अपने पास रखा गया है जिसे लोको चालकों को दे दिया जाए। सह लोको आपरेटरों ने कहा कि मालगाड़ी संचालन के दौरान लोको पायलट के साथ आपरेटर का भी बीमा होना चाहिए। एनटीपीसी प्रबंधन ने आपरेटरों को भरोसा दिया कि जल्द ही उनकी समस्याओं का निराकरण कराया जाएगा। यूपीएल के प्रबंधक एसके श्रीवास्तव ने बताया कि तीनों ही मृतकों के परिजनों से रविवार को ही समझौता हुआ था कि 25 हजार रुपये अंतिम संस्कार के लिए व एक लाख अंतरिम सहायता के लिए एक महीने के अंदर दिए जाएंगे साथ ही एनटीपीसी के आवासीय परिसर के कमरों में रह रहे परिजनों को हटाया नहीं जाएगा। मृतकों के परिजनों के एक व्यक्ति को अति कुशल श्रमिक के रूप में काम पर रखा जाएगा। उधर, मृतक सह आपरेटर मंदीप के परिजनों को और अधिक सहायता राशि पर बताया गया कि मृतक की पत्नी शीला देवी का प्रार्थना पत्र लेकर कारपोरेट भेज दिया गया है। निर्देश आने पर अमल में लाया जाएगा एक ट्रैक चालू, दूसरे का अनुरक्षण जारी

रविवार को हुए मालगाड़ी हादसे के बाद रेलवे ट्रैक पर पड़े मलबे को बरवाडीह एवं चोपन से आई रेलवे की टीम ने सोमवार की शाम तक युद्धस्तर पर लग कर हटा दिया। टीम के अथक परिश्रम के बाद सिगल लाइन को पुन: कोयला परिवहन के लिए शुरू कर दिया गया। सोमवार की रात कोयले से भरी एक मालगाड़ी एनटीपीसी रिहंद पहुंचाई गई व 36 घंटे से जहां तहां खड़ी चार खाली मालगाड़ियों को अमलोरी कोयला लेने के लिए रवाना किया गया। सिगल लाइन से ट्रेन के संचालन में एहतियात बरतते हुए सासन के तीन नंबर स्टेशन पर गाड़ियों को खड़ा करा कर एक एक मालगाड़ियों को आने जाने के लिए छोड़ा जा रहा है। दूसरे ट्रैक का अनुरक्षण चल रहा है।


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