कोरोना महामारी के चलते सोनभद्र डिपो की घटी आय
कोरोना महामारी और कर्फ्यू के कारण यात्रियों की संख्या में गिरावट आई है। इसका असर सोनभद्र डिपो की आय पर पड़ा है। रोजाना की आमदनी पहले से आधी हो गई है। इसके चलते विभाग को डीजल का खर्च निकालना भी मुश्किल हो गया है। यात्री नहीं मिलने से रोडवेज की अधिकांश 52 सीटर वाली बसें आधे यात्रियों को लेकर सड़कों पर दौड़ रही है। इससे रोडवेज के लिए यह घाटे का सौदा साबित हो रहा है।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : कोरोना महामारी और कर्फ्यू के कारण यात्रियों की संख्या में गिरावट आई है। इसका असर सोनभद्र डिपो की आय पर पड़ा है। रोजाना की आमदनी पहले से आधी हो गई है। इसके चलते विभाग को डीजल का खर्च निकालना भी मुश्किल हो गया है। यात्री नहीं मिलने से रोडवेज की अधिकांश 52 सीटर वाली बसें आधे यात्रियों को लेकर सड़कों पर दौड़ रही है। इससे रोडवेज के लिए यह घाटे का सौदा साबित हो रहा है।
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के चलते लाकडाउन होने से रोडवेज बसों को यात्री नहीं मिल रहे हैं। लोग बसों की जगह अपने निजी साधनों से ही यात्रा करना सुरक्षित समझ रहे हैं। कोरोना के बढ़ते मामले के चलते सोनभद्र डिपो की कमाई आधे से भी कम हो गई है। सोनभद्र डिपो से कुल 52 बसों का संचालन किया जा रहा है, लेकिन सवारी नहीं निकलने से कई बसें यहां से निकलने के बाद दूसरे डिपो में जाकर खड़ी हो जा रही हैं, वह यात्री नहीं मिल रही हैं। जब दूसरे दिन कुछ यात्री मिल रहे हैं तब उनको लेकर रवाना हो रही हैं। आम दिनों पांच से छह लाख रुपये प्रतिदिन की कमाई करने वाला रोडवेज प्रशासन की कमाई इस समय दो से ढाई लाख रुपये पर सिमट गई है। रोडवेज के लिए यह घाटे का सौदा साबित हो रहा है। यात्री न मिलने से रोडवेज की अधिकांश 52 सीटर वाली बसें 30-35 यात्रियों को लेकर दौड़ रही हैं। इससे रोडवेज प्रशासन को नुकसान झेलना पड़ रहा है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि डीजल का दाम भी निकालना मुश्किल हो रहा है। प्रदेश सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार बसों को सैनिटाइज किया जा रहा है वहीं चढ़ने से पहले यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिग भी की जा रही है, लेकिन कोरोना वायरस के चलते कम ही लोग सार्वजनिक परिवहन से सफर कर रहे हैं। डिपो प्रभारी आरके सिंह ने बताया कि कोरोना वायरस के चलते यात्रियों के नहीं मिलने से सड़कों पर कम सवारी लेकर ही दौड़ रही हैं। इससे बहुत घाटा सहना पड़ रहा है। पहले से कमाई भी आधा पर सिमट गई है।