बालगृह में बच्चों की मौत पर दिखा सन्नाटा
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : भगवान तेरी माया भी अजीब है। यह बच्चे पहले घर से ठुकराए गए, फिर
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : भगवान तेरी माया भी अजीब है। यह बच्चे पहले घर से ठुकराए गए, फिर समाज से। तमाम प्रशासनिक नियमों से गुजरते हुए इन्हें आसरा मिला बालगृह में। माता-पिता के प्यार से अनजान ये दिव्यांग बच्चे एक-दूसरे का सहारा बनें, लेकिन ईश्वर को शायद उनकी खुशी भी नहीं देखी गई। एक सप्ताह के अंदर बालगृह (बालक) में दो बच्चों की मौत से वहां पर सन्नाटा पसरा हुआ है। बालगृह में काम करने वाले सभी स्टाफ सदमे में हैं। सोमवार को जागरण टीम वहां पर पहुंची तो बालगृह (बालक) में शेष बचे 12 बच्चे धूप में पतंग उड़ाते मिले। अधीक्षक सुनील कुमार ¨सह वहीं पास में बैठे थे। पूछने पर बताया कि इन बच्चों को यह नहीं बताया गया है कि उनके बीच के दो भाई अब इस दुनिया में नहीं हैं। कई बच्चे मानसिक रूप से बहुत कमजोर भी हैं। मृतक बाबू व बबलू इन सबके चहेते थे। बीमारी के समय सभी बच्चे उनकी देखभाल भी करते थे, लेकिन जब से वे (मृतक) यहां से बाहर निकले हैं, ये लगातार उनके बारे में पूछते रहते हैं। कहा कि बच्चों को जब इसकी जानकारी होगी तो हो सकता है कि इन्हें सदमा लग जाए।
इस दौरान पास में ही खेल रहे विमल व अनिल ने पूछने पर बताया कि वह अपने दोस्त का इंतजार कर रहे हैं। आज पतंग साथ उड़ाने की बात हुई थी, लेकिन शायद उनके परिवार वाले उन्हें अपने साथ लेकर चले गए हैं, इसलिए उनकी कमी उन्हें बहुत खल रही है। यह बात कहते हुए उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े।
जांच करने पहुंचे प्रोबेशन अधिकारी
दो मौत के बाद सोमवार को जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रदीप तिवारी व बाल कल्याण समिति के सदस्य बालगृह (बालक) पहुंचे। इस दौरान श्री तिवारी ने बच्चों से वहां पर मिलने वाली सुविधा के बाबत पूछताछ की। बताया कि बालगृह में सफाई व्यवस्था संतोषजनक नहीं मिली, जिसके लिए संबंधितों को कड़ी हिदायत दी गई। इसके अलावा एनजीओ संचालक से मौतों के बाबत स्पष्टीकरण भी लिखित में मांगा गया है। कहा कि पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है, दोषियों पर कार्रवाई निश्चित रूप से की जाएगी।
बच्चों में बांटा बिस्कुट व चाकलेट
एक सप्ताह के भीतर बालगृह (बालक) में दो बच्चों की मौत के बाद सोमवार को बालगृह पहुंचे कुछ मीडिया के लोगों ने बच्चों में बिस्कुट व चाकलेट बांटते हुए उनके साथ-साथ पतंग उड़ाया। बच्चों को मिठाई खिलाकर उन्हें बेहतर पढ़ाई करने की नसीहत दी गई। दिव्यांग बच्चे पतंग, मिठाई व चाकलेट पाकर काफी प्रसन्न नजर आए। भोले-भाले बच्चों ने कहा कि आप लोग रोज आया करें।