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सात घंटे विलंब से पहुंची श्रमिक एक्सप्रेस, बिलबिलाए यात्री

जागरण संवाददाता सोनभद्र गोवा के मड़गांव रेलवे स्टेशन से 935 यात्रियों को लेकर सात घंटे विलंब से शनिवार की तड़के श्रमिक विशेष एक्सप्रेस ट्रेन सोनभद्र रेलवे स्टेशन पहुंची। विलंबित होने के कारण यात्री बिलबिला गए। प्लेटफार्म पर थर्मल स्कैनिग के बाद लंच पैकेट व पानी की बोतल देकर उन्हें विदा किया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 04:55 PM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 08:46 PM (IST)
सात घंटे विलंब से पहुंची श्रमिक एक्सप्रेस, बिलबिलाए यात्री
सात घंटे विलंब से पहुंची श्रमिक एक्सप्रेस, बिलबिलाए यात्री

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : गोवा के मड़गांव रेलवे स्टेशन से 935 यात्रियों को लेकर सात घंटे विलंब से शनिवार की तड़के श्रमिक विशेष एक्सप्रेस ट्रेन सोनभद्र रेलवे स्टेशन पहुंची। विलंबित होने के कारण यात्री बिलबिला गए। प्लेटफार्म पर थर्मल स्कैनिग के बाद लंच पैकेट व पानी की बोतल देकर उन्हें परिवहन निगम की 22 व प्राइवेट चार बसों से गृह जनपद व बिहार राज्य रवाना कर दिया गया।

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प्रवासी श्रमिकों व उनके परिजनों को लेकर जनपद के सोनभद्र रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार की रात साढ़े आठ बजे चौथी श्रमिक विशेष ट्रेन को गोवा से आना था। यह ट्रेन 28 मई को अपराह्न एक बजे गोवा से चली थी लेकिन सोनभद्र रेलवे स्टेशन पर यह ट्रेन सात घंटे विलंब से शनिवार की तड़के 3.36 बजे पहुंची। इस ट्रेन में सवार 935 यात्रियों में जिले के 19 प्रवासी श्रमिक भी शामिल रहे। रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के रुकने के बाद सभी यात्रियों की थर्मल स्कैनिग कराई गई। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की आठ टीमें लगाई गईं थी। प्रवासी श्रमिकों की थर्मल स्कैनिग व उन्हें घर भेजने के दौरान अपर जिलाधिकारी योगेंद्र बहादुर सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक ओपी सिंह, उपजिलाधिकारी यमुना धर चौहान, क्षेत्राधिकारी राजकुमार त्रिपाठी, एआरएम ऐके सिंह, सोनभद्र डिपो इंचार्ज आरके सिंह समेत तमाम अधिकारी मौजूद रहे। श्रमिकों की नहीं मिल रही सही सूचना

गोवा से आने वाले श्रमिकों का सही आंकड़ा उपलब्ध न होने से जिला प्रशासन को काफी परेशानियों का सामना उठाना पड़ रहा है। ऐसा ही कुछ नजारा शनिवार की तड़के श्रमिक एक्सप्रेस के आने पर दिखा। जिला प्रशासन को गोवा से सूचना दी गई थी कि विशेष ट्रेन से 715 यात्रियों के भेजा जाएगा लेकिन, ट्रेन में यात्रियों की संख्या 935 मिली। प्रशासन ने आठ सौ यात्रियों के लिए लंच पैकेट व पानी की व्यवस्था की थी लेकिन, संख्या में बढ़ोत्तरी के कारण करीब डेढ़ सौ यात्रियों को न तो लंच पैकेट मिल सका और न ही उन्हें प्यास बुझाने के लिए पानी ही नसीब हुआ। इतना ही नहीं संख्या बढ़ने से बसों की जरूरत पड़ गई और आनन-फानन में परिवहन निगम की दो और बसों को बुलाना पड़ा। इन जिलों के रहे श्रमिक

सोनभद्र के 19, मीरजापुर के 34, भदोही के छह, चंदौली 25, आगरा एक, प्रयागराज 11, अंबेडकरनगर 30, आजमगढ़ 19, बहराइच 15, बलिया 42, बलरामपुर 13, बांदा 11, बाराबंकी तीन, बस्ती 16, बिजनौर दो, देवरिया 60, फैजाबाद दो, फतेहपुर 13, फिरोजाबाद एक, गाजीपुर 38, गोंडा तीन, गोरखपुर 30, हमीरपुर दो, जौनपुर 52, झांसी चार, कन्नौज पांच, कौशांबी एक, कुशीनगर 13, लखीमपुरखीरी एक, लखनऊ दो, महाराजगंज आठ, महोबा तीन, मऊ आठ, प्रतापगढ़ सात, संतकबीरनगर 20, सिद्धार्थनगर 38, सीतापुर एक, सुल्तानपुर 17, उन्नाव तीन, वाराणसी 21, श्रावस्ती पांच व बिहार राज्य के 330 यात्री शामिल रहे।


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