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गांव के विकास में अहम संपर्क मार्ग की हालत दयनीय

चोपन ब्लाक से लगभग 25 किमी दूर पड़रछ ग्राम पंचायत में कई विकास कार्य हुए हैं लेकिन अभी बहुत कुछ बाकी है। गांव में बीते पांच सालों में 360 प्रधानमंत्री आवास बने हैं। दो किमी खड़ंजा युक्त मार्ग और 1345 व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण हुआ है। तीन स्कूलों का कायाकल्प किया गया है। वहीं सात तालाब व 21 संपर्क मार्गो को बनाया गया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Feb 2021 09:01 PM (IST)Updated: Sun, 28 Feb 2021 09:01 PM (IST)
गांव के विकास में अहम संपर्क मार्ग की हालत दयनीय
गांव के विकास में अहम संपर्क मार्ग की हालत दयनीय

जागरण संवाददाता, डाला (सोनभद्र) : चोपन ब्लाक से लगभग 25 किमी दूर पड़रछ ग्राम पंचायत में कई विकास कार्य हुए हैं लेकिन अभी बहुत कुछ बाकी है। गांव में बीते पांच सालों में 360 प्रधानमंत्री आवास बने हैं। दो किमी खड़ंजा युक्त मार्ग और 1345 व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण हुआ है। तीन स्कूलों का कायाकल्प किया गया है। वहीं सात तालाब व 21 संपर्क मार्गो को बनाया गया है। इसके बाद भी गांव के कई हिस्सों में बिजली, पानी, पक्की सड़कों का अभाव है।

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झिरगाडंडी से भालुकूदर, सरईया से मदरिया, बहेराटोला से हरदी, हरदी से देवतरा व कुड़वा से सलईयाडीह टोलों में पक्के संपर्क मार्ग का होना जरूरी है। जंगल की उबड़-खाबड़ भूमि के बीच से कच्चा रास्ता होने के कारण एक गांव से दूसरे गांव तक चल पाना कठिन होता है। गांव के विकास में भूमिका निभाने वाले संबंधित विभागों की कमी के कारण औरहवां, मदरिया, कुड़वा, भालुकूदर, सरैया, सतदुआरी, ठुठीसेमर, पुरानडीह, पिपरहवां टोला में कई वर्षों बाद भी पक्की सड़क नहीं बन सकी है। इससे लोगों का आवागमन करना दुश्वार हो गया है। टोलों में बनी कुछ पुलिया व रपटों का कार्य तो पूर्ण हो गया है लेकिन अभी भी लगभग 111 प्रधानमंत्री आवास अपूर्ण हैं। गांव के बीच एक भी हाईस्कूल या इंटर कालेज नहीं है। लोगों को प्राइवेट स्कूलों में आंठवीं पास कर जाना पड़ता है। पड़रछ का सर्वाधिक भू-भाग पहाड़ी क्षेत्र वाला है। खेती किसानी रामभरोसे है। यहां एक भी नहर नहीं है। बरसात पर ही किसानों की खेती निर्भर है।

मुन्ना गुप्ता ने बताया कि सबसे बड़ी समस्या पेयजल की बनी हुई है। जगह-जगह लगा हैंडपंपों पर फिल्टर वाटर पंप खराब पड़ा है, जिससे लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। कई पात्र आज भी आवास व वृद्धापेंशन से वंचित हैं। मीरा मिश्रा ने बताया कि गांव में बनी सड़क ध्वस्त हो गई है। कई मार्गों पर खड़ंजा व सीसी रोड बनना चाहिए था, लेकिन नहीं बनाया गया है। विरेंद्र कुमार राय ने बताया कि गांव में न तो स्वास्थ्य केंद्र है और न ही एक भी खेल मैदान। आज भी सरईया, ठुठीसेमर, साधूबथान व पुरानडीह के टोलों तक बिजली नहीं पहुंच सका है। जिसके कारण वहां के लोग प्रकाश की व्यवस्था से कोसों दूर है। बचे कार्य को करेंगे पूरा

निर्वतमान प्रधान सावित्री देवी ने बताया कि जल संरक्षण के लिए कूपों की मरम्मत, 16 रिबोर, 22 बंधी का निर्माण कार्य कराया गया है। 10 समतलीकरण, तीन जल अवरोधक, सामुदायिक शौचालय, पंचायत भवन का निर्माण कार्य कराया गया है। बच्चों के लिए एक आगंनबाड़ी केंद्र बनकर तैयार है जबकि चार आंगनबाड़ी केंद्र निर्माणाधीन हैं। खड़ंजा का निर्माण कराया गया है। आगे मौका मिला तो सीसी रोड, रपटा, बंधी व खडंजा आदि कार्यों को कराया जाएगा। जनसंख्या और मतदाता

पड़रछ ग्राम पंचायत की जनसंख्या 24290 है। मतदाताओं की संख्या 9200 है। जिसमें 3500 महिला व 5700 पुरूष मतदाता शामिल हैं। पड़रछ की चौहद्दी

पश्चिम में कोटा, पूरब में हर्रा-पिपखाड़, उत्तर में ससनई-बरहमोरी व दक्षिण में बोद्धडीह-करहिया पंचायत है।

......... नंबर गेम--

-111

अपूर्ण प्रधानमंत्री आवास को पूरा करना की लाभार्थी लगा रहे गुहार

-1345

व्यक्तिगत शौचालय व तीन स्कूलों का हो चुका है कायाकल्प


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