बिजली की मांग में पांच हजार मेगावाट की कमी
जागरण संवाददाता ओबरा (सोनभद्र) प्रदेश के कई हिस्सों में पुन मानसून की सक्रियता के कारण्
जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : प्रदेश के कई हिस्सों में पुन: मानसून की सक्रियता के कारण बिजली की मांग में भारी कमी दर्ज की गई है। पिछले चार दिनों में बिजली की मांग में पांच हजार मेगावाट से ज्यादा की कमी आई है। बीते रविवार को अधिकतम प्रतिबंधित मांग 23814 मेगावाट थी, जो बुधवार शाम को लुढ़ककर 18697 मेगावाट आ गई। मांग में कमी को देखते हुए ज्यादातर इकाइयों से उत्पादन कम कराया गया है। बीते 22 और 23 सितंबर को प्रदेश के दो दर्जन जनपदों में हो रही बारिश के कारण मांग में निरंतर कमी आ रही है।
22 सितंबर को प्रदेश में सामान्य से 131 फीसद ज्यादा बारिश हुई है। जिसमें पूर्वी यूपी में सामान्य से 220 फीसद अधिक बारिश हुई। 23 सितंबर को प्रदेश में सामान्य से 591 फीसद ज्यादा बारिश हुई। जिसमें पूर्वी यूपी में 842 फीसद तथा पश्चिमी यूपी में सामान्य से 17 फीसद ज्यादा बारिश हुई है। पिछले दो दिनों के दौरान तराई क्षेत्र वाले जनपदों में भारी बारिश दर्ज की गई है। जिसका सीधा असर बिजली की मांग पर पड़ा है। गुरुवार को भी प्रदेश के कई जनपदों में हो रही बारिश के कारण तापमान में चार से पांच डिग्री सेल्सियस की कमी हुई है। मांग कम होने से यूपी स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर ने राहत की सांस ली है। इससे पहले पिछले सप्ताह तक बिजली की मांग लगातार रिकार्ड ऊंचाईयों पर जा रही थी। बीते 18 सितंबर को ही बिजली की मांग रिकार्ड 23917 मेगावाट तक पहुंच गई थी। तब, मांग के पहली बार 24 हजार मेगावाट पार करने की संभावना बन गई थी।
-
ओबरा की बंद इकाइयों से उत्पादन शुरू
ओबरा तापीय परियोजना की बुधवार को बंद हुई तीन इकाइयों में दो इकाइयों से बुधवार रात उत्पादन शुरू हो गया था। बुधवार सुबह 200 मेगावाट वाली 12वीं इकाई तकनीकि कारणों से प्रात: 6.12 बजे तथा नौवीं इकाई प्रात: 6.28 बजे बॉयलर ट्यूब लीकेज के कारण बंद हो गई थी। उसके बाद शाम को 10वीं इकाई भी बंद हो गई थी। इनमें से 10वीं और 11वीं इकाई को चालू कर दिया गया था। वहीं नौवीं इकाई के शनिवार तक चालू होने की संभावना है। समाचार लिखे जाने तक ओबरा की 10वीं से 117 मेगावाट,11वीं से 128 मेगावाट तथा 12 वीं से 130 मेगावाट उत्पादन हो रहा था।