रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने दोहरीकरण का लिया जायजा
देश के सबसे ज्यादा व्यस्त औधोगिक मालवाहक रेल मार्गो में शुमार धनबाद रेलमंडल के गढ़वा-चोपन-सिगरौली मार्ग के दोहरीकरण में प्रगति दिख रही है।
जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : देश के सबसे ज्यादा व्यस्त औद्योगिक मालवाहक रेल मार्गो में शामिल धनबाद रेलमंडल के गढ़वा-चोपन-सिगरौली मार्ग के दोहरीकरण में प्रगति दिख रही है। शनिवार को रेलवे सुरक्षा आयुक्त पूर्वी जोन लती़फ खान ने बिल्ली रेलवे जंक्शन से चोपन के बीच हुए दोहरीकरण का निरीक्षण किया । उन्होंने चोपन और बिल्ली स्टेशन सहित नए रेलवे ट्रैक का गहनता से तकनीकि जायजा लिया। सुरक्षा आयुक्त के दौरे को देखते हुए गत कई दिनों से तैयारी चल रही थी। महत्वपूर्ण दौरे के बाद संभावना है कि जल्द नए ट्रैक पर ट्रेनों की आवाजाही शुरू हो जाएगी ।
शनिवार को नए ट्रैक पर ट्रायल के तौर पर ट्रेन चलाई गई। आयुक्त ने चोपन से बिल्ली के बीच बने नए ट्रैक पर दर्जनों जगहों पर मानक संबंधी जांच की। दिन में 11 बजे आयुक्त ने चोपन से निरीक्षण का कार्य शुरू किया। लगभग तीन घंटे तक उन्होंने लगभग छह किलोमीटर के नए ट्रैक के कई पहलुओं को देखा। बिल्ली स्टेशन के अंदरूनी हिस्सों का भी जायजा लिया। इसके बाद वे पुन: चोपन लौट गए जहां उनके द्वारा दोहरीकरण कार्य संबंधी फिटनेस प्रमाण पत्र दिया गया। इस दौरान धनबाद मंडल के डीआरएम अनिल कुमार मिश्रा सहित तमाम अधिकारी मौजूद थे। सौ की गति से चलेगी ट्रेन
गढ़वा से सिगरौली रेलखंड के बीच चल रहे दोहरीकरण को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अभी तक सिगल ट्रैक होने के कारण इस रूट पर ट्रेनों का संचालन काफी सुस्त होने के साथ व्यस्तता भी काफी ज्यादा है। जबकि यह ट्रैक देश में सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले धनबाद मंडल का हिस्सा है। डबल ट्रैक होने पर ट्रेनों की संख्या बढ़ने के साथ गति में भी इजाफा होगा। रेल ट्रैक के जीर्णोद्धार, विद्युतीकरण एवं दोहरीकरण की प्रक्रिया के पूरा होने के बाद इस मार्ग पर 100 किमी प्रतिघंटा की गति से ट्रेने दौड़ सकेंगी। इस मार्ग पर विद्युतीकरण के साथ सिग्नल के आधुनिकीकरण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। छ: चारण में इस रेलखंड के आधुनिकीकरण का कार्य बांटा गया था। हालांकि गढ़वा से सिगरौली के बीच भौगोलिक कठिनता के कारण दोहरीकरण की प्रक्रिया में देरी की सम्भावना है। इस हिस्से में दर्जनों पुल बनाने के साथ कई बड़ी पहाड़ियों ने कार्य की समयसीमा को बढ़ाया है। खासकर पुराने ट्रैक के समानांतर स्तर पर दुसरे ट्रैक के समतलीकरण का कार्य काफी कठिन माना जा रहा है।
दोहरीकरण के लिए 2675.64 करोड़
रमना-सिगरौली के बीच 160 किलोमीटर लंबी इस लाइन के दोहरीकरण पर 2675.64 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसके 2021 तक पूरा होने की संभावना है। धनबाद डिवीजन की यह लाइन झारखंड में गढ़वा, मध्य प्रदेश में सिगरौली तथा उत्तर प्रदेश में सोनभद्र जिलों से गुजरती है। अभी इस सिगिल लाइन पर 105 फीसद यातायात घनत्व है। जिससे ट्रेनों में विलंब होता है।