अनियमितता के आरोप में कोटे की दुकान सीज
स्थानीय थाना क्षेत्र के चिल्काडांड़ बाजार स्थित सरकारी सस्तेगल्ले की दुकान पर अंगूठा लगवाकर लाभार्थियों को खाद्यान नही दिया जा रहा था। जिसे जागरण ने शनिवार को प्रमुखता से प्रकाशित किया था।
जागरण संवाददाता, शक्तिनगर (सोनभद्र) : स्थानीय थाना क्षेत्र के चिल्काडांड़ बाजार स्थित सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान पर अंगूठा लगवाकर लाभार्थियों को खाद्यान्न नहीं दिया जा रहा था। जिसे दैनिक जागरण ने शनिवार को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिला व दुद्धी तहसील की टीम ने शनिवार को ही दुकान का आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान बड़े पैमाने पर हेराफेरी पायी गई। अधिकारियों ने मौके पर दुकान को सीज कर अन्य ग्रामसभा की दुकान से संबद्ध कर दिया है।
कोरोना महामारी के चलते जहां सरकार से लेकर सामाजिक, राजनीतिक, व्यवसायिक, परियोजनाएं क्षेत्र के गरीब-असहाय लोगों की मदद करने में जुटी है। वहीं चिल्काडांड़ बाजार स्थित संजय कुमार गौतम के सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान पर शुक्रवार को लाभार्थियों से अंगूठा लगवाकर राशन नहीं दिया जा रहा था। शिकायत पर पहुंची पुलिस ने अंगूठा लगाने वाले लाभार्थियों को राशन दिलवाया। दैनिक जागरण द्वारा इस समाचार को प्रमुखता से प्रकाशित किए जाने पर शनिवार को आरओ सोनभद्र सुरेश कुमार एवं एआरओ दुद्धी राम श्रृगांर वर्मा ने दुकान का आकस्मिक निरीक्षण किया। टीम को दुकान के स्टाक रजिस्टर एवं गोदाम स्टाक में भारी हेराफेरी पायी। अधिकारियों ने दुकान को जहां सीज कर दिया वहीं इस दुकान को चिल्काडांड़ ग्राम सभा के बसस्टैण्ड बाजार स्थित दिनेश कुमार यादव की दुकान से संबद्ध किया। एआरओ दुद्धी ने कहा कि जांच के दौरान 50 बोरी गेहूं तथा 37 बोरी से अधिक चावल की कमी मिली। दुकान के उठान स्टाक रजिस्टर एवं वितरण रजिस्टर में पचास क्विटल से अधिक के खाद्यान्न की कमी मिली है। टीम ने दुकान में बचे खाद्यान्न को संबद्ध की गई दुकान को सौंप दिया। राजनीति करने का आरोप
चिल्काडांड़ बाजार के दुकानदार संजय कुमार गौतम ने स्टाक में कमी होने का कारण बताते हुए टीम से कहा कि कुछ राजनीतिक एवं क्षेत्र के उंची पहुंच रखने वाले तथाकथित दबंग किस्म के लोग गरीबो को बांटने के नाम पर दुकान से खाद्यान्न दबाव बनाकर ले गए हैं। दुकानदार ने कुछ लोगों का नाम भी निरीक्षणकर्ताओं को बताया। लोगों ने कहा कि दुकानदार के बात की भी जांच होनी चाहिए। यदि जांच में बात सही पायी जाती हैं तो गरीबों का निवाला हड़पने वालों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।