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डीएम के पत्र के बाद भी नहीं मिला परियोजना को धन

राब‌र्ट्सगंज नगर पालिका क्षेत्र में गर्मी के दिनों में होने वाली पेयजल समस्याओं को देखते हुए पेयजल पुनर्गठन योजना के माध्यम से लोगों को पानी पहुंचाने का काम शुरू हुआ था। इसके माध्यम से धंधरौल बांध में इनटेक वेल लगाकर पाइप लाइन के माध्यम से शहरवासियों को पानी पहुंचाने का लक्ष्य था। लेकिन धन

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Oct 2019 06:30 PM (IST)Updated: Fri, 25 Oct 2019 06:30 PM (IST)
डीएम के पत्र के बाद भी नहीं मिला परियोजना को धन
डीएम के पत्र के बाद भी नहीं मिला परियोजना को धन

राब‌र्ट्सगंज नगर पालिका क्षेत्र में गर्मी के दिनों में होने वाली पेयजल समस्याओं को देखते हुए पेयजल पुनर्गठन योजना के माध्यम से लोगों को पानी पहुंचाने का काम शुरू हुआ था। इसके माध्यम से धंधरौल बांध में इनटेक वेल लगाकर पाइप लाइन के माध्यम से शहरवासियों को पानी पहुंचाने का लक्ष्य था। लेकिन धन की कमी के चलते यह काम अभी तक पूरा नहीं हो सका। एक महीने पहले जिलाधिकारी ने प्रमुख सचिव नगर विकास को पत्र लिखकर धन की मांग किया था, बावजूद अभी तक पैसा नहीं मिल सका।

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जिले की इकलौती नगर पालिका राब‌र्ट्सगंज के 25 वार्डों के करीब सवा लाख आबादी को भेलाही बंधी से पानी पहुंचाया जाता है। इसके अलावा कुछ जगहों पर बोरिग के माध्यम से टैंकरों से पानी पहुंचाकर पेयजल समस्या से निजात दिलाए जाने का काम किया जाता है। लेकिन गर्मी का मौसम आते-आते नगर में पेयजल की गंभीर समस्या खड़ी हो जाती है। इससे निजात दिलाए जाने के लिए जल निगम की तरफ से सपा सरकार में 2015 में एक वृहद योजना बनाई गई थी। 96 करोड़ रुपये की कार्य योजना बनाकर पेयजल पुनर्गठन योजना के माध्यम से धंधरौल बांध से पाइप लाइन बिछाकर नगर में पेयजलापूर्ति की जानी थी। जल निगम द्वारा शहर में जहां चार स्थानों पर टंकियों का निर्माण कराया गया वहीं पानी लाने के लिए धंधरौल बांध तक पाइप लाइन भी बिछाने का काम भी शुरू हो गया था। लेकिन चार साल बीतने के बाद भी बजट के अभाव में यह योजना अभी तक धरातल पर नहीं उतर सकी है। जल निगम के अधिकारियों की माने तो शासन से अभी तक मात्र 4435.25 लाख रुपये ही मिले हैं। अगर समय से पैसा मिल गया होता तो दिसंबर 2017 में ही परियोजना पूरी हो गई होती। जिलाधिकारी एस राजलिगम ने 19 सितंबर को प्रमुख सचिव नगर विकास शासन को पत्र लिखकर बचे हुए धन 5166.30 लाख को जल्द ही देने की मांग की है। पत्र लिखने के एक महीने से अधिक समय होने के बाद भी शासन से परियोजना के लिए धन नहीं मिला। इससे परियोजना कब पूरी होगी कुछ भी नहीं का जा सकता है। क्या किया जाना था काम

करीब 96 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इस परियोजना के तहत शहर में चार ओवरहेड टैंक बनाए जाने हैं। इसमें से चारों पर काम चल रहा है। वैसे 90 फीसद पूर्ण तो सभी हो चुके है लेकिन उनकी टेस्टिग कराई जानी और छोटे-मोटे काम बाकी हैं। इसके अलावा फिल्टर प्लांट और क्लीयर वाटर कलेक्ट यानी सीडब्ल्यूआर बनाया जाना है। धंधरौल बांध पर जहां से पानी उठाया जाना है वहां इंटेकवेल बनना है। पूरे शहर में 85 किलोमीटर की पाइप लाइन बिछाई जानी है। कितना मिला धन, कितना बाकी

4435.25 लाख अब तक हो चुके हैं खर्च।

5166.30 लाख रुपये अभी खर्च किया जाना बाकी।


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