प्रेमचंद ने अपनी वर्ग चेतना को आम आदमी से जोड़ा
साहित्यिक सामाजिक संस्था सोन संगम के तत्वावधान में प्रेमचन्द की जयंती अवसर पर संगम शांपिग कांम्प्लेक्स शक्तिनगर में बुधवार की शाम विचार गोष्ठी एवं काव्य संध्या का आयोजन किया गया।
जासं, शक्तिनगर (सोनभद्र) : साहित्यिक, सामाजिक संस्था सोन संगम के तत्वावधान में मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर संगम शांपिग काम्प्लेक्स शक्तिनगर में बुधवार की शाम विचार गोष्ठी एवं काव्य संध्या का आयोजन किया गया। इसमें एलआइसी शक्तिनगर के शाखा प्रबंधक पंकज श्रीवास्तव ने कहा कि प्रेमचंद ने अपनी वर्ग चेतना को आम आदमी से जोड़ा। डा. मानिक चंद पांडेय ने कहा कि प्रेमचंद के दौर में तिलिस्म एवं ऐयारी की कहानियां बहुत लिखी जा रही थीं, लेकिन उन्होंने कहानी को उड़नखटोले से उतारकर ओसारे पर बैठा दिया।
राजेंद्र दुबे ने कहा कि प्रेमचंद ने सहज जीवन से अपने पात्र उठाए और उनके माध्यम से युगचेतना को उत्प्रेरित किया। प्रो. अनिल दुबे, नवीन चंद श्रीवास्तव, उमेश चंद जायसवाल, डा. छोटेलाल जायसवाल, विजय दुबे, विन्नू एवं माला कुमारी ने भी प्रेमचंद की प्रासंगिकता को रेखांकित किया। काव्य संध्या में बहर बनारसी की गजल दिल के आंगन में बुलाकर इक दफा तो देख लो, ने जहां खूब वाहवाही बटोरी, वहीं एनसीएल खड़िया के कवि पाणि पंकज पांडेय ने पांचाली के चीरहरण की गाथा वही पुरानी है, से स्त्री की पीड़ा को रेखांकित किया। माहिर मिर्जापुरी ने सावन पर श्रृंगारपरक रचनाओं से काव्य संध्या को सरस बनाया। योगेन्द्र मिश्र, रमाकान्त पाण्डेय एवं योगेन्द्र, वीएस तिवारी ने भी सशक्त काव्य पाठ किया। कार्यक्रम में एप्टेक शक्तिनगर के मेधावी छात्र-छात्रा पद्मा श्रीवास्तव, माला कुमारी, धनंजय शर्मा, चित्रांशी एवं मोहित को एलआईसी शक्तिनगर की ओर से ट्राफी प्रदान कर पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर आरके चौबे, दलसिगार, मनीष सिंह, मुकेश, छोटू, राखी, प्रिस, सोनम, फिरोज आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता माहिर मिर्जापुरी एवं संचालन संस्था के सचिव मानिक चंद पांडेय तथा आभार विजय दुबे ने व्यक्त किया।