कवियों ने अलंकारिक रचनाओं से बांधा समां
हिन्दी विकास समिति अनपरा के तत्वाधान में गुरुवार की रात अनपरा तापीय परियोजना स्थित आडिटोरियम में कवि सम्मेलन का आगाज रश्मि शाक्य ने मां वीणा वादिनी को हे मां सरस्वती अभय अश्मित
जासं, अनपरा (सोनभद्र) : हिंदी विकास समिति अनपरा के तत्वाधान में गुरुवार की रात अनपरा तापीय परियोजना स्थित आडिटोरियम में कवि सम्मेलन का आगाज रश्मि शाक्य ने मां वीणा वादिनी को हे मां सरस्वती अभय अश्मित अमृता का वरदान दे दो.. की प्रस्तुति कर किया। शुभारंभ मुख्य महाप्रबंधक एचपी सिंह, महाप्रबंधक दीपक कुमार, एमके सचा, आरके तिवारी उप मुख्य लेखाधिकारी अखिलेश त्रिपाठी, देवेंद्र शुक्ला ने संयुक्त रूप से किया।
स्थानीय कवि इंजीनियर एलबी यादव ने ओजपूर्ण कविता पढ़ी। हास्य कवि समीर शुक्ला व रमेश विश्वास ने मुक्तक पढ़ा। हास्य कवि डंडा बनारसी की बेवफाई भी करो तो ठीक से सिस्टर की..को श्रोताओं ने खूब पसंद किया। बलिया के कवि ज्योतिष जलज ने गद्दारों की बातें सुन जलज ज्वाला बन जाती है.. की प्रस्तुति दी। मुम्बई के लाफ्टर चैंपियन कवि अशोक सुंदरानी ने जूता रोया फूट-फूटकर, हम कभी कपड़ों से कभी चरणों से चुने गए, जब हम उतरे श्रीराम के चरणों से तो खड़ाऊं के रूप में 14 वर्षो तक अयोध्या का राज चलाया.. कविता पढ़कर वाहवाही लूटी। शंकर कैमुरी ने आदमी को आदमी से प्यार होना चाहिए की बेहतर प्रस्तुति दी। संयोजक कवि कमलेश राजहंस ने संचालन किया। अध्यक्षता कवि अशोक भाटी ने की। इसमें समिति के अध्यक्ष एके राय, सह संयोजक जयनारायण गौतम, हरी शंकर चौधरी, आरएन तिवारी, केके पांडेय, अजय द्विवेदी, भूपेंद्र पाठक, अभिषेक बरनवाल, शुभम गुप्ता, ओपी सिंह आदि थे।