वैक्सीन लगवाकर कोरोना की लड़ाई में निभाएं भागीदारी
सही समय पर एहतियात बरतकर ही हम कोरोना को मात दे सकते हैं। चिकित्सक भी मान रहे हैं कि कोरोना की दूसरी लहर ने भले ही पूरे देश में कोहराम मचा रखा हो लेकिन वैक्सीनेशन कराकर हम इससे बचाव कर सकते हैं। वैक्सीन लगवाने वालों में संक्रमण की दर काफी कम है।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : सही समय पर एहतियात बरतकर ही हम कोरोना को मात दे सकते हैं। चिकित्सक भी मान रहे हैं कि कोरोना की दूसरी लहर ने भले ही पूरे देश में कोहराम मचा रखा हो, लेकिन वैक्सीनेशन कराकर हम इससे बचाव कर सकते हैं। वैक्सीन लगवाने वालों में संक्रमण की दर काफी कम है। अगर वैक्सीन लगवाने के बाद जिसको कोरोना हो भी जा रहा है, वह जल्द ठीक हो जा रहा है। टीके की दोनों खुराक लेने वालों का शरीर भी जानलेवा वायरस को मात देने में सक्षम बन जा रहा है। ऐसे में जिले के लोगों को वैक्सीन लगवाकर कोरोना से लड़ाई में कदम से कदम मिलाकर चलना होगा। डाक्टरों की सलाह
कोरोन संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीन ही एक विकल्प है। इसको लगवाकर ही इस महामारी से जंग जीत सकते हैं। वैक्सीन एकदम सुरक्षित हैं, इसको सभी को लगवाना चाहिए।
-डा. कुसुमाकर श्रीवास्तव, होम्योपैथ राबर्ट्सगंज।
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कोरोना संक्रमित मरीज को खानपान में दिन भर में दो हजार कैलोरी की आवश्यकता होती है। कोरोना मरीज की कार्बोहाइड्रेट के लिए आलू, चावल, फाइबर एवं प्रोटीन के लिए पनीर, अरहर की दाल, सोयाबीन दी जानी चाहिए। राजमा एवं चने की दाल भी दे सकते हैं। मरीज को हमेशा सकारात्मक रहना चाहिए। कोई भी ऐसी चीज न देखें और न सोचें जिससे निराशा का भाव मन में उत्पन्न हो।
-डा. राकेश रंजन, हिडाल्को अस्पताल रेणुकूट।
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कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को लेकर नींबू, अनानास, संतरा आदि फलों का सेवन करना लाभदायक होगा। अगर बचाव के लिए फल मिलने में दिक्कत हो रहे हो तो विटामिन सी का टेबलेट भी ले सकते हैं। सुबह-शाम दो बार भाप लेने से वायरस निष्क्रिय हो जाता है। अदरक के साथ शहद का सेवन करने से शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
-डा. जेएस चतुर्वेदी, राबर्ट्सगंज।
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कोरोना का खतरा दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। संक्रमित होने पर धैर्य और साहस बनाए रखने की जरूरत है। इस वक्त स्वस्थ रहने के लिए सावधानी और सर्तकता बरतने की जरूरत है। केंद्रों पर हो रहे टीकाकरण को जरूर लगवाएं। इसके लगने से संक्रमण होने के बाद भी स्थिति खराब होने का डर नहीं रहता है।
-डा. एसके शुक्ल, राबर्ट्सगंज।