फीस कम करने के लिए अभिभावकों ने उठाई मांग
सोनभद्र वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण हर व्यक्ति की आर्थिक स्थिति पहले से खराब हो गई है। ऐसे में स्कूल का पूरा फीस लिया कहीं से उचित नहीं है। विद्यालय में जेनरेटर खर्च से लेकर प्रवेश शुल्क तक लिया जा रहा है। अगर इसे कम करके केवल शिक्षण शुल्क लिया जाए तो शिक्षकों को वेतन भी दिए जा सकेंगे और अभिभावकों पर भी बोझ नहीं पड़ेगा। यह कहना था विभिन्न क्षेत्रों के अभिभावकों का। एक दर्जन अभिभावकों ने इस संबंध में जिलाधिकारी को ज्ञापन भी दिया।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण हर व्यक्ति की आर्थिक स्थिति पहले से खराब हो गई है। ऐसे में स्कूल का पूरा फीस लिया जाना कहीं से उचित नहीं है। विद्यालय में जेनरेटर खर्च से लेकर प्रवेश शुल्क तक लिया जा रहा है। अगर इसे कम करके केवल शिक्षण शुल्क लिया जाए तो शिक्षकों किे वेतन भी दिए जा सकेंगे और अभिभावकों पर भी बोझ नहीं पड़ेगा। यह कहना था विभिन्न क्षेत्रों के अभिभावकों का। एक दर्जन अभिभावकों ने इस संबंध में जिलाधिकारी को ज्ञापन भी दिया।
अभिभावकों ने कहा कि कुछ स्कूल ऑनलाइन पढ़ाई कराने की खानापूर्ति कर रहे हैं। इसके बाद फोन व मैसेज से फीस जमा करने के लिए दबाव बनाते हैं। फीस उतनी ही ली जाती है जितनी पहले ली जाती थी। यानी जब स्कूल बंद है तो फिर बिजली, साफ-सफाई, पानी, स्टाफ ट्रांसपोर्ट जैसे खर्च कम होने के बावजूद इनके नाम पर पैसा लिया जाता है। स्कूल प्रबंधन से बात करने पर सीधे तौर पर कह दिया जाता है कि आप अपने बच्चे को कहीं और पढ़ाने के लिए स्वतंत्र हैं। अभिभावक दिलीप, राजीव, छोटेलाल देव पांडेय, प्रवीण श्रीवास्तव, चांद प्रकाश ने जिलाधिकारी ने अनुरोध किया कि स्वयं की अध्यक्षता में विद्यालय प्रबंधकों के साथ अभिभावकों व अध्यापकों की बैठक कराएं। इसमें सामंजस्य स्थापित कर फीस कम कराया जाए। इससे शिक्षकों को वेतन आदि भी दिया जा सकेगा और अभिभावकों पर बोझ भी नहीं पड़ेगा। ज्ञापन देने वालों में पूर्वांचल नव निर्माण मंच के गिरीश पांडेय, अरविद कुमार, योगेश, सोनल सिंह, विमलेश कुमार सिंह आदि शामिल रहे।