संक्रमितों की तादाद बढ़ने पर होगी आक्सीजन किल्लत
जागरण संवाददाता सोनभद्र कोविड-19 एल-टू अस्पताल में कोरोना संक्रमित रोगियों के उपचार में
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : कोविड-19 एल-टू अस्पताल में कोरोना संक्रमित रोगियों के उपचार में आक्सीजन की किल्लत नहीं है, लेकिन हाल के दिनों में जिस तेजी से रोगियों की तादाद बढ़ रही है, आने वाले दिनों में आक्सीजन की किल्लत से इन्कार नहीं किया जा सकता है। कोविड टू अस्पताल में गुरुवार को दो रोगियों को 24 घंटे आक्सीजन पर रखा गया है, जबकि पांच रोगियों को कभी भी आक्सीजन की जरूरत पड़ सकती है।
जिले में जिला अस्पताल परिसर में ट्रामा सेंटर को 15 जुलाई को कोविड एलटू अस्पताल के रूप में विकसित किया गया। इस अस्पताल में पहला रोगी 16 जुलाई को भर्ती हुआ था, जिसे आक्सीजन देने की जरूरत पड़ी थी और वह स्वस्थ होकर घर गया था। जिला अस्पताल में आक्सीजन की आपूर्ति वाराणसी के रामनगर स्थित एक निजी कंपनी द्वारा किया जाता है। इस कंपनी से अभी पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन सिलेंडर की खेप पहुंच रही है, लेकिन एलटू अस्पताल में रोगियों की संख्या बढ़ने पर आक्सीजन की किल्लत हो सकती है। कोविड एलटू अस्पताल में 15 जुलाई से 16 सितंबर तक कुल 133 रोगी भर्ती हो चुके हैं। इसमें तीन रोगियों को कोरोना से मौत भी हुई है और हालत गंभीर होने पर 32 रोगियों को वाराणसी या मीरजापुर के अस्पतालों में रेफर किया गया है।
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बजट की कमी आ सकती है आड़े
जिला अस्पताल में स्थित कोविड एलटू अस्पताल का संचालन मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की देखरेख में संचालित हो रहा है लेकिन सीएमएस को कोविड रोगियों के उपचार के लिए कोई बजट नहीं मिल रहा है। कोविड का जो भी बजट आ रहा वह मुख्य चिकित्साधिकारी के पास है। जिला अस्पताल प्रशासन अभी जैसे-तैसे अक्सीजन को मंगाकर व्यवस्था चला रहा है लेकिन रोगियों की संख्या बढ़ने पर बजट के कारण आक्सीजन की कमी हो सकती है। हालांकि ऐसा न हो सीएमएस ने जिलाधिकारी से वार्ता कर व्यवस्था को दुरुस्त रखने की मांग की है।
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10 रोगी हुए तो हो जाएगी किल्लत
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. पीबी गौतम का कहना है कि अभी आक्सीजन के जरूरतमंद रोगियों की संख्या काफी कम है। दो से चार रोगियों को 24 घंटे अक्सीजन देना पड़ रहा है लेकिन यदि एक साथ 10 से अधिक रोगी भर्ती हुए और सभी को एक साथ 24 घंटे आक्सीजन देने की जरूरत पड़ी तो आक्सीजन की किल्लत से इंकार नहीं किया जा सकता है। जिलाधिकारी से वार्ता हुई है। आक्सीजन किल्लत न हो व्यवस्था की जा रही है।